गाजीपुर : पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने दिया सपा को झटका, छोड़ी पार्टी, अखिलेश पर लगाये गंभीर आरोप

गाजीपुर  लखनऊ, एमएलसी चुनाव से पहले ही सपा को एक बड़ा झटका लग चुका है. गाज़ीपुर से पूर्व संसद रहे मोहन सिंह ने पार्टी की सदस्य्ता से अब इस्तीफ़ा दे दिया है. जहां उन्होंने समाजवादी पार्टी का नेतृत्व कर रहे अखिलेश यादव पर कई बड़े आरोप लगाए. सपा बन चुकी है अफजाल की पार्टी – […]

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गाजीपुर : पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने दिया सपा को झटका, छोड़ी पार्टी, अखिलेश पर लगाये गंभीर आरोप

Riya Kumari

  • April 6, 2022 10:25 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

गाजीपुर 

लखनऊ, एमएलसी चुनाव से पहले ही सपा को एक बड़ा झटका लग चुका है. गाज़ीपुर से पूर्व संसद रहे मोहन सिंह ने पार्टी की सदस्य्ता से अब इस्तीफ़ा दे दिया है. जहां उन्होंने समाजवादी पार्टी का नेतृत्व कर रहे अखिलेश यादव पर कई बड़े आरोप लगाए.

सपा बन चुकी है अफजाल की पार्टी – मोहन

समाजवादी पार्टी से आपने इस्तीफ़ा देने के बाद मोहन सिंह ने मीडिया से बात की. जहां उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बड़े आरोप लगाए. उन्होंने कहा, अब सपा सांसद अफजाल अंसारी की पार्टी बन चुकी है. जमानिया के विधायक ओम प्रकाश सिंह को भी राधे मोहन ने अपने आरोपों के कटघरे में घेर लिया.

क्या बोले राधेमोहन?

गाजीपुर के पूर्व सांसद रहे राधेमोहन कहते हैं, मैंने जिस समाजवादी पार्टी को 33 सालों तक आत्मसात किया हुआ था मैं अब उसे छोड़ने जा रहा हूँ. आज समाजवादी पार्टी गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी के हाथों में पूरी तरह से चली गयी है. सिर्फ गाजीपुर ही नहीं बल्कि पूरे पूर्वांचल के फैसलों में आज अफजाल अंसारी का दखल है. जेल में हुई मुन्ना बजरंगी की हत्या को समाजवादी पार्टी ने जितनी गंभीरता से लिया था उतनी ही गंभीरता अगर अपने कार्यकर्ताओं पर दिखाई होती तो बात कुछ समझ में भी आती.

भाई की मौत पर नहीं फूटी सांत्वना

उन्होंने आगे कहा, मेरे भाई को जब यूपी सरकार द्वारा द्रोणाचार्य अवार्ड के लिए चुना गया था तो उनकी कोरोना के कारण ही मृत्यु हो गयी थी. उस समय राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सांत्वना के एक भी शब्द नहीं कहे. जबकि पहले माननीय मुलायम सिंह जी मेरी माँ की मृत्यु पर मेरे घर तक आये थे. आगे राधेमोहन बताते हैं, आज समाजवादी पार्टी केवल उन लोगो के इर्द गिर्द है जो उनकी प्रशंसा करते हैं.

15 मिनट की बात, मिल गया टिकट

राधे मोहन ने आगे अपनी पूर्व पार्टी की पोलखोल करते हुए बताया कि विधानसभा चुनावों के दौरान जब सभी जनपदों के नेता लखनऊ में टिकट के लिए जमा हुए थे तब अब्बास अंसारी आते हैं उनका सुरक्षाकर्मी सीधा उन्हें अखिलेश यादव के पास ले जाते हैं और उन्हें 15 मिनट की बातचीत के बाद टिकट मिल जाता है.

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