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पिछले 3 साल में खुफिया दस्तावेजों को लीक करने के आरोप में पकड़े गए 5 सैन्य अधिकारीः रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे

रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दी है कि पिछले तीन साल में भारतीय सेना (थल सेना और वायु सेना) के पांच अधिकारियों को जासूसी गतिविधियों, हनी ट्रैप और खुफिया दस्तावेजों को लीक करने आदि से जुड़े मामलों में गिरफ्तार किया गया है. रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने सेना में जासूसी से जुड़े मामलों पर जानकारी देते हुए जो डेटा सामने रखा उसके अनुसार, साल 2015 में जासूसी से जुड़े दो मामले, 2016 में कोई भी मामला नहीं, 2017 में दो मामले और 2018 (अभी तक) एक मामला सामने आया है.

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5 defence personnel prosecuted in last 3 years
  • March 19, 2018 7:04 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

नई दिल्लीः साल 2015 में जासूसी गतिविधियों, हनी ट्रैप और खुफिया दस्तावेजों के लीक होने के मामलों में शामिल होने के आरोप में एक थल सेना अधिकारी और एक भारतीय वायुसेना अधिकारी को गिरफ्तार किया गया था. यह जानकारी रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में श्री अश्विनी कुमार और अन्य को दी. सुभाष भामरे ने बताया कि दोनों आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं. थल सेना अधिकारी पर लगे आरोपों के मामले में दायर केस का ट्रायल चल रहा है. वहीं वायुसेना अधिकारी को पहले ही सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है.

रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि साल 2017 में सेना द्वारा दो भारतीय थल सेनाकर्मियों को जासूसी से जुड़ी कथित संलिप्तता के आरोपों के चलते दंडित किया गया था. मार्च 2018 तक एक वायुसेना अधिकारी को इसी तरह के आरोपों के बाद गिरफ्तार किया जा चुका है. जांच के लिए उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया था. वर्तमान में आरोपी वायुसेना अधिकारी न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल में बंद है.

रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने सेना में जासूसी से जुड़े मामलों पर जानकारी देते हुए जो डेटा सामने रखा उसके अनुसार, साल 2015 में जासूसी से जुड़े दो मामले, 2016 में कोई भी मामला नहीं, 2017 में दो मामले और 2018 (अभी तक) एक मामला सामने आया है. सुभाष भामरे ने बताया कि कुछ अप्रत्यक्ष खुफिया एजेंसियों को इन गतिविधियों में कथित रूप से शामिल होने की सूचना मिली. भारतीय एजेंसियां लगातार ऐसे लोगों पर नजर रख रही हैं. साथ ही इन एजेंसियों से जुड़े अन्य लोगों को दुश्मन देशों की खुफिया एजेंसी और एजेंट्स द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यप्रणाली के बारे में लगातार जानकारी दी जा रही है.

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