भरतपुर : राजस्थान के भरतपुर में पहाड़ों से खनन बंद करने का विरोध कर रहे विजयदास का निधन हो गया. उन्होंने इस खनन के खिलाफ आत्मदाह किया था जिसके बाद इलाज के दौरान ही उन्होंने दम तोड़ दिया. गौरतलब हो कि जिले में करीब डेढ़ साल से साधु विजयदास खनन के खिलाफ आंदोलन कर रहे […]
भरतपुर : राजस्थान के भरतपुर में पहाड़ों से खनन बंद करने का विरोध कर रहे विजयदास का निधन हो गया. उन्होंने इस खनन के खिलाफ आत्मदाह किया था जिसके बाद इलाज के दौरान ही उन्होंने दम तोड़ दिया. गौरतलब हो कि जिले में करीब डेढ़ साल से साधु विजयदास खनन के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे.
भरतपुर पहाड़ी के एसडीओ संजय गोयल द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बीती 21 जुलाई को साधु विजयदास ने आत्मदाह किया था जिसके बाद शुक्रवार की देर रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. आत्मदाह करने वाले दास का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज चल रहा था. गोयल बताते हैं कि शनिवार सुबह दास की बॉडी उनके घरवालों को सौप दी गई.
इससे पहले डीग के गांव पसोपा में आदिबद्री एवं कनकांचल पर्वत को खनन मुक्त कराने की मांग को लेकर भी साधु विजयदास ने आत्मदाह की कोशिश की थी. जिसे लेकर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जिला कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन किया था. इस बीच कलक्ट्रेट परिसर में प्रवेश को करने के मामले में बीजेपी नेताओं एवं पुलिसकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार एवं पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी.
साधु विजयदास द्वारा आत्मदाह करने मामले के संबंध में भाजपा ने पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है इस बारे में भाजपा के प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा की मानें तो डॉ पूनियां के निर्देशानुसार इस मामले में जांच कमेटी का गठन किया गया है. यह कमेटी तुरंत प्रभाव से भरतपुर जाकर संपूर्ण मामले की जांच करेगी. जांच के बाद रिपोर्ट डॉ पूनियां सौपी जाएगी. इस जांच समिति में सांसद बाबा बालकनाथ, पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी, गजेन्द्र सिंह खींवसर, पूर्व विधायक राजकुमारी जाटव एवं जिला प्रभारी बनवारी लाल सिंघल शामिल हैं. बता दें कि बीते बुधवार को भरतपुर के पसोपा गांव में साधु विजय दास ने अवैध खनन के विरोध में खुद को आग लगा ली थी जिसके बाद वह बुरी तरह से झुलस गए थे.
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