Mid day Meal Poor Quality in UP: देश की तरक्की को लेकर आप झूठ के संसार में जी रहे हैं, क्योंकि असलियत तो ये है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक बच्चे को मिड डे मील की खिचड़ी में चूहा भी परोस दिया गया. इस खिचड़ी को खाकर 9 बच्चे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. क्या इतना शर्म आने के लिए काफी नहीं है?
मुजफ्फरनगर. जमाने की रफ्तार के साथ देश का विकास भी शानदार हो रहा है. इसका उदाहरण चांद की ओर चक्कर लगाता चंद्रयान. बड़ी बात है, चांद तक पहुंचना आसान नहीं. यानी हम आगे बढ़ रहे हैं लेकिन क्या ये सचमुच सत्य है. नहीं, बस झूठ के संसार में जी रहे हैं आप क्योंकि सच तो ये है कि यूपी के मुजफ्फरनगर में एक बच्चे को मिड डे मील की खिचड़ी में चूहा भी परोस दिया गया. 9 बच्चे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं.
ये फायरब्रांड योगी आदित्यनाथ के सूबे की हालात बता रहा हूं और खास बात है कि मुजफ्फरनगर से देश की राजधानी भी ज्याद दूर नहीं जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहते हैं. खैर सीएम योगी के राज्य मंत्री ने मामले को गंभीरता से लिया और मामले की जांच जारी है.
सच बताऊं तो हर बात का इलजाम सरकार पर थोपना भी गलत है. लेकिन कड़े निर्देशों के बावजूद शिक्षा विभाग की ऐसी हरकतें सामने आ रही हैं इसपर सरकार को गंभीर विचार की जरूरत है. और अगर अब भी सरकार विचार नहीं करती है तो समझिए देश का भविष्य अंधेरे में है.
Dead mouse found in a midday meal in a govt school in Muzaffarnagar. State Basic Education Minister Satish Dwivedi says 'According to preliminary inquiry,meals there are supplied by an NGO. We have blacklisted NGO&FIR filed. Further action will be taken post full inquiry pic.twitter.com/chZL37gYJ1
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 3, 2019
उत्तर प्रदेश में पहली बार थोड़ी है, स्कूली बच्चों को मिड डे मील के जरिए जहर देना
अगर ऐसा मामला पहली बार आया होता तो हम शायद ये सोच लेते कि दोषियों पर कड़ा एक्शन हो जाएगा लेकिन ये हर बार का है. जब मामला तूल पकड़ जाता है तो सरकार के किसी बड़े नेता का जांच कराने का बयान या किसी विपक्षी नेता की तंज भरी अलोचना खबरों में छा जाती है.
सोशल मीडिया पर लोग कुछ दिन देश के बच्चों की और भविष्य की फिक्र करते हैं लेकिन धीरे-धीरे वे भी गिरती जीडीपी में आर्थिक हालातों को सुधारने की कोशिशों में सब भूल जाते हैं. उन बच्चों का या उन स्कूलों का क्या हुआ, इसे जानने की कोई जहमत नहीं उठाता.
हाय रे यूपी की हालत, मुजफ्फरनगर में चूहा तो सोनभद्र में 1 बाल्टी पानी में एक लीटर दूध
मुजफ्फरनगर में अगर मिड डे मील में चूहा निकला तो इसे बड़ी बात मत मानिए. हाल ही में योगी जी के सोनभद्र में तो 80 बच्चों को सिर्फ 1 लीटर दूध में टाल दिया गया. खास बात है कि वो 1 लीटर दूध पूरी एक बाल्टी में मिलाया गया था.
वीडियो वायरल होने पर मामला तूल पकड़ा और कई लोग निलंबित हो गए. बस आखिरी में बेचारी सरकार यही कर सकती है क्योंकि अब समाज की मानसिकता को बदलना तो सरकार के हाथ में भी नहीं. बस इतना ही कहा जा सकता है कि जो भी लोग इन मामलो में जिम्मदार होते हैं उन्हें बच्चों को जहर देने से पहले खुद खा लेना चाहिए.
विधानसभा में विराजमान नेता पक्ष और विपक्ष से अपील- शिक्षा को राजनीति से बाहर रखें
सरकारों के सामने जब मामले उछलते हैं तो अधिकारियों पर गाज गिराकर लोगों को शांत करने का रिवाज है. खास बात है चलन कायम भी है और लोग इसे बड़ी कार्रवाई मान लेते हैं. अब लोग तो शांत हो जाते हैं लेकिन सत्ताधारी दल पर विपक्षी नेता तंज मारने में पीछे नहीं हटते. फिर दोनों-तीनों पार्टियों के बीच जमकर जुबानी जंग होती है और अब ये मामला बच्चों की सेहत से हटकर राजनीतिक विरोध का बन जाता है.
कुछ दिनों में लोगों को भी राजनीतिक पार्टियों के प्रति समर्थन जग जाता है और गलत-सही को बचाने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है. इसपर कोई कानून बने, बच्चों को अच्छी सुविधा कैसे मिले, फिर ये कोई मुद्दा ही नहीं होता. इसलिए मेरी अपील है कि जो नेता पक्ष और विपक्ष विधानसभाओं या संसद में बैठे हैं, कम से कम शिक्षा और बच्चों के बढ़ते भविष्य को राजनीति से बाहर रखें.