मुंबई : महाराष्ट्र में फिर से सियासी हलचल हो सकती है. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच लंबी बातचीत हुई. इस मुलाकात के बाद राजनीतिक पंडित बता रहे है कि महाराष्ट्र में कुछ सियासी हलचल हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आने वाले चुनावों में मनसे और […]
मुंबई : महाराष्ट्र में फिर से सियासी हलचल हो सकती है. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के बीच लंबी बातचीत हुई. इस मुलाकात के बाद राजनीतिक पंडित बता रहे है कि महाराष्ट्र में कुछ सियासी हलचल हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आने वाले चुनावों में मनसे और बीजेपी में गठबंधन हो सकता है. इसी बीच डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुलाकात नहीं थी. महाराष्ट्र में नई सरकार यानी एकनाथ शिंदे और फडणवीस सरकार को साल भर भी नहीं हुए है और दोनों लगभग 4-5 बार मुलाकत कर चुके है. इन दोनों नेताओं के बीच करीब 2 घंटों तक बातचीत हुई.
राज ठाकरे की पार्टी मनसे का दबदबा सिर्फ कुछ ही जगहों पर है. मनसे अधिकतर मराठी और क्षेत्रीयता की राजनीति करती है. बीजेपी को यह भी डर रहता है कि अगर मनसे से गठबंधन किया गया तो उत्तर भारतीयों का वोट खिसक सकता है. साल भर से अधिक हो गया है मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे मस्जिद पर लगे लाउडस्पीकर का मुद्दा उठा रहे है. लेकिन इसके बावजूद बीजेपी और मनसे किसी ने अपने गठबंधन को लेकर कोई पत्ते नहीं खोले है.
भारतीय जनता पार्टी के नेता मनसे से गठबंधन को लेकर अलग-अलग राय रखते है. एक धड़े का कहना है कि गठबंधन से बाहर हम अच्छा कर सकते है वहीं दूसरा धड़ा कहता है कि राज ठाकरे की वजह से मराठी वोट मिल सकते है.
आपक को बता दें कि मनसे की स्थापना 2006 में हुई थी. अभी तक मनसे ने सत्ता का कभी स्वाद नहीं चखा है. राज ठाकरे कार्यकर्ताओं से बार-बार अपील करते है कि आप लोग काम करते रहिए सत्ता में आप को काबिज करेंगे. 2014 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भाजपा के साथ आने का ऑफर दिया था लेकिन राज ठाकरे ने इसको ठुकरा दिया था.