नई दिल्ली: यूपी सरकार ने मेडिकल छात्रों को सीट छोड़ने पर 5 लाख जुर्माना भरने के नियम को खत्म कर दिया है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को विधान परिषद में इस बात की जानकारी दी। दरअसल हुआ यूं था कि, उपमुख्यमंत्री के प्रश्नकाल के समय सपा प्रमुख मान सिंह यादव ने उनसे सवाल किया […]
नई दिल्ली: यूपी सरकार ने मेडिकल छात्रों को सीट छोड़ने पर 5 लाख जुर्माना भरने के नियम को खत्म कर दिया है। उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को विधान परिषद में इस बात की जानकारी दी।
दरअसल हुआ यूं था कि, उपमुख्यमंत्री के प्रश्नकाल के समय सपा प्रमुख मान सिंह यादव ने उनसे सवाल किया था जिसपर ब्रजेश पाठक ने सदन में ही जवाब देते हुए कहा कि यदि किसी मेडिकल इंस्टीट्यूट में डॉक्टरों को परेशान किया जा रहा है तो इसकी जांच जरूर करवाई जाएगी, साथ ही अगर कोई डॉक्टर पीजी की पढ़ाई नहीं कर पाता और सीट छोड़ देता है तो उसे जुर्माने के तौर पर पांच लाख रुपये नहीं भरने होंगे। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि कई बार मेडिकल छात्र निजी कारणों के चलते पीजी की पढ़ाई करने में असमर्थ होते हैं, ऐसे में उन्हें जुर्माना भरना पड़ता है, इस कारण ही यूपी में इस नियम को खत्म कर दिया गया है।
मान सिंह ने आरोप लगाया कि संजय गांधी पीजीआई के डॉ. अंकुर, डॉ. प्रियंका और डॉ. मीनू अमर को इसलिए परेशान किया गया क्योंकि वे एससी(SC) और ओबीसी(OBC) जातियों के हैं, जिसके जवाब में उप मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिलाया कि यदि ऐसा कुछ साबित हुआ तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पिछले प्रावधान के अनुसार एमबीबीएस या बीडीएस करने वाला छात्र यदि किसी बीच में सीट छोड़ता है तो उसको एक लाख रुपये अर्थदंड देना होगा, वहीं एमडी या एमएस करने वालों को सीट छोड़ने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना और सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम डीएम या एमसीएच के छात्रों को सीट छोड़ने पर एक लाख रुपये अर्थदंड देना होता था। नेशनल मेडिकल काउंसिल ने इस जुर्माने को हटाने का सुझाव राज्य सरकार को दिया था। जिस कारण इस नियम को खत्म कर दिया गया है।
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