जयपुर: हमारे देश में मेडिकल का पढ़ाई करने में पांच साल लग जाते है. इन पांच सालों में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. लेकिन कुछ लोग पढ़ाई करने के बाद इसका गलत फायदा उठाते है. जी हां… इसी तरह का मामला राजस्थान के बीकानेर से सामने आया है. जहां एक दवा की दुकान की आड़ […]
जयपुर: हमारे देश में मेडिकल का पढ़ाई करने में पांच साल लग जाते है. इन पांच सालों में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. लेकिन कुछ लोग पढ़ाई करने के बाद इसका गलत फायदा उठाते है.
जी हां… इसी तरह का मामला राजस्थान के बीकानेर से सामने आया है. जहां एक दवा की दुकान की आड़ में पूरा का पूरा निजी क्लिनिक ही खोल डाला. इस अस्पताल में बेड से लेकर तमाम पेशेंट की सुविधाएं मौजूद है.
दरअसल, ये प्राइवेट अस्पताल नोखा के मस्जिद चौक पर चल रहा था. चौक के किनारे बाहर एक दुकान का बोर्ड लगा हुआ था. इस बोर्ड पर बालाजी मेडिकल और जनरल स्टोर लिखा हुआ था.
जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अंदर गए, तो वो अंदर का नजारा देखकर दंग रह गए. बाहर से दिखने में मेडिकल हॉल और अंदर से पूरा अस्पताल था. इसके बाद इस अस्पताल का शटर गिरा दिया गया, क्योंकि इसे अवैध रूप से चलाया जा रहा था.
दुकान के बाहर सिर्फ नाम की दवाइयां बेची जा रही थी. अंदर पांच बेड का एक वार्ड बनाया गया था, जिस पर एक महिला का इलाज चल रहा था. साथ ही एक कमरा लॉक था.
जब उसे खुलवाया गया, तो सब देखकर हक्का बक्का रह गए. ये एक लेबर रुम था, जहां डिलीवरी कराई जाती थी. जब पास में रखी हुई बाल्टी को चेक किया गया, तो देखा गया कि, उसमें ग्लूकोज की खाली बोतलें रखी हुई है.
जांच टीम ने जब कागजात मांगा, तो उन्हें कुछ भी नहीं मिला. बता दें कि, एडमिट हुई महिला को भी बिना किसी पर्चा के भर्ती कराया गया था. ना तो अस्पताल में मरीज के रजिस्ट्रेशन का कोई रिकॉर्ड था ना ही कोई रजिस्टर. इसके अलावा वहां पर कोई डॉक्टर भी मौजूद नहीं था.
हालांकि कार्रवाई करते हुए तुरंत अस्पताल को बंद कराया गया. इसके अलावा मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. वहीं पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है कि, आखिर यहां पर कैसे अस्पताल खोल दिया गया.