नई दिल्ली : दिल्ली में एमसीडी चुनाव हुए कुछ महीने बीत गए है लेकिन अभी महापौर का चुनाव नहीं हो पाया है. बीजेपी और आप दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही है कि महापौर का चुनाव नहीं होने दे रहे है. अगर बहुमत की बात करे ते आम आदमी पार्टी के पास बहुमत […]
नई दिल्ली : दिल्ली में एमसीडी चुनाव हुए कुछ महीने बीत गए है लेकिन अभी महापौर का चुनाव नहीं हो पाया है. बीजेपी और आप दोनों पार्टियां एक दूसरे पर आरोप लगा रही है कि महापौर का चुनाव नहीं होने दे रहे है. अगर बहुमत की बात करे ते आम आदमी पार्टी के पास बहुमत है. लेकिन अभी तक दिल्ली का महापौर कौन होगा इसका पता नहीं चल पाया है.
फिलहाल दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर आ रही है. 11 सालों से चली आ रही वेतन और पेंशन बकाया होने की समस्या फिलहाल खत्म हो गई है. दिल्ली सरकार से 2000 करोड़ रूपये में से नगर निगम ने 730 करोड़ रूपये जारी कर दी है. निगम ने दिसंबर तक वेतन और पेंशन कर्मचारियों को दे दिया है. इसके बाद जो राशि बची है उससे जनवरी में वेतन दिया जाएगा. एमसीडी का विभाजन 2012 में किया गया था उसके बाद ही पूर्वी, उत्तरी और दक्षिणी का गठन हुआ था.
जब एमसीडी का विभाजन हुआ तभी से वेतन की समस्या खड़ी हो गई थी. सबसे अधिक समस्या पूर्वी और उत्तरी दिल्ली में थी. पूर्वी और उत्तरी दिल्ली के पास आय का स्रोत नहीं था. अधिकतर आय के स्रोत दक्षिणी दिल्ली के पास थे. दक्षिणी दिल्ली में वेतन के लिए कर्मचारी परेशान नहीं होते थे. वहीं पूर्वी और उत्तरी दिल्ली के कर्मचारी वेतन के लिए संघर्ष करते थे. केंद्र सरकार ने फिर से बदलाव करते हुए 2022 में तीनों निगमों को एक में शामिल कर दिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकर ने निगम को 1532 करोड़ रूपये का फंड दिया है. इससे जनवरी तक सभी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन की समस्या खत्म हो जाएगी. आने वाले समय में 460 करोड़ आने से फरवरी के वेतन और पेंशन का कुछ हिस्सा जारी हो सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली सरकार से, तीन सौ करोड़ रूपये बिजली शुल्क, 180 करोड़ टोल, तीन सौ करोड़ रूपये ट्रांसपर ड्यूटी और एक हजार करोड़ रूपये संपत्तिकर से आने की उम्मीद है. 2280 करोड़ रूपये अभी और निगम के पास आने की उम्मीद है. निगम एक महीने में 774 करोड़ रूपये वेतन और पेंशन पर खर्च करता है. ऐसे में आने वाले महीने में वेतन और पेंशन देने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
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