NEET Medical 2020 Seats Hike: महाराष्ट्र राज्य में डॉक्टर बनने का सपना देखने वालो छात्रों के लिए खुशखबरी है. महाराष्ट्र में अगले साल से 2000 MBBS सीटें बढ़ाने का फैसला लिया गया है. महाराष्ट्र सरकार में चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने बताया है कि राज्य में साल 2020 से 2000 नीट मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएंगी. गिरीश महाजन ने बताया कि महाराष्ट्र में राज्य सरकार और प्राइवेट संसथाओं की करीब 3000 मेडिकल सीटे हैं.
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार अगले साल से राज्य में एमबीबीएस सीटों को बढ़ाने वाली है. बुधवार को हुई विधान परिषद में मेडिकल एजुकेशन मिनिस्टर गिरीश महाजन ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार अगले साल यानी कि 2020 से मौजूदा NEET मेडिकल सीटों में 2000 सीटों का इजाफा करेगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्रों को मौका मिल सके. गिरीश महाजन ने बताया कि सीटें बढ़ाने के फैसले को लेकर महाराष्ट्र सरकार केंद्र सरकार से बातचीत कर रही है.
आपको बता दें कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने महाराष्ट्र विधान परिषद में एनसीपी के हेमंत टकले की ओर से उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए ये जानकारी दी. गिरीश महाजन ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार मेडिकल कोर्स में पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) की सीटें बढ़ाने की प्रक्रिया में थी. मौजूदा समय में महाराष्ट्र में राज्य सरकार और प्राइवेट संसथाओं की करीब 3000 सीटे हैं. एनसीपी नेता हेमंत टकले ने महाराष्ट्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि के खिलाफ सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (SEBC) वर्ग के तहत पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेस में मराठा छात्रों को आरक्षण देने पर सरकार का रुख स्पष्ठ करने की मांग की.
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राज्यपाल सी विद्यासागर ने पिछले महीने ही एसईबीसी (SEBC) रिजर्वेशन एक्ट, 2018 के तहत मिलने वाले पोस्ट ग्रेजिएशन कोर्स में एडमिशन वाले अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए थे. गिरीश महाजन ने ये भी बताया कि मराठा कम्युनिटी के लिए लागू किए 16% आरक्षण के कारण कुछ छात्रों को एडमिशन प्रक्रिया में परेशानियों का सामना करना पड़ा था. उन्होंने परिषद को आश्वासन दिया कि अगले वर्ष एडमिशन प्रक्रिया और ज्यादा सुव्यवस्थित ढंग से होगी. बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने पिछले ही महीने कहा था कि (SEBC) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को दिया जाने वाला 16% आरक्षण इस साल पोस्ट ग्रेजुएट (PG) मेडिकल और डेंटल कोर्स में एडमिशन के लिए लागू नहीं होगा.
इसके बाद सरकार ने बाद में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. कई छात्रों, जिन्हें एसईबीसी (SEBC) कोटे के तहत पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स में प्रवेश मिला था, उन्होंने राज्य सरकार से एक इस समस्या का समाधान करेन की अपनील की थी.