लखनऊ: यूपी के बस्ती जिले में एक मदरसे के मौलवी ने ऐसी हरकत कर दी, जिसे देखने के बाद आप शर्मसार हो जाएंगे. दरअसल, मौलवी ने नाबालिग छात्रों के साथ अश्लील हरकत करता था. वहीं मौलवी का नाम अब्दुल हफीज है. बता दें कि ये मौलवी बच्चों से अपना गुप्तांग धुवायला करता था. हालांकि एक […]
लखनऊ: यूपी के बस्ती जिले में एक मदरसे के मौलवी ने ऐसी हरकत कर दी, जिसे देखने के बाद आप शर्मसार हो जाएंगे. दरअसल, मौलवी ने नाबालिग छात्रों के साथ अश्लील हरकत करता था. वहीं मौलवी का नाम अब्दुल हफीज है. बता दें कि ये मौलवी बच्चों से अपना गुप्तांग धुवायला करता था. हालांकि एक बच्चे ने आरोप लगाया कि शौच करने के बाद मौलवी अपना नितंब धुलवाया करता था. वहीं वो बच्चों को धमकाया भी करता था.
कई बच्चों ने ये सब हरकत को देखते हुए मदरसा ही जाना छोड़ दिया था. वहीं गुरुवार के दिन कई गांव के लोगों ने जिला अधीक्षक को शिकायत देकर मौलवी पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की. जब मौलवी से पूछा गया, तो उसने आरोपों को बेबुनियाद बताया, फिर उसने कहा कि जिसने मुझ पर झूठा आरोप लगाया है, उनपर लीगल एक्शन ली जाए.
बता दें कि तीन साल पहले मुंडेरवा थाना इलाके का मौलवी अब्दुल हफीज को बच्चों को पढ़ाने के लिए रखा गया था. दी गई शिकायत के मुताबिक, मौलवी की नियुक्ति के पीछे भी कुछ लोगों द्वारा मदरसे पर कब्जा करने का षड्यंत्र बताया गया है. हालांकि इसमें आगे कहा गया है कि अब्दुल हफिज बच्चों को पढ़ा नहीं रहा है, बल्कि वो ढोंग रच रहा है.
दरअसल, वो ऐसा इसलिए कर रहा है, क्योंकि उसे गांव के कुछ लोगों ने उसे खिला-पिलाकर रखा है. वहीं जिस बच्चों के साथ मोलवी गंदा किया करता था, उनमें से एक बच्चा बिहार का है. बच्चे ने घर फोन किया और उसने अपनी पूरी आपबीती सुनाई, उसने कहा कि अब्दुल हफीज शौच करने के बाद उससे नितम्ब धुलवाता है.
साथ ही साथ बच्चे ने कहा कि वो गंदी हरकतें भी किया करता था. वहीं पीड़ित परिवार वालों ने इसकी रिकॉर्डिंग भी कर ली है. गांव के लोगों ने यह भी आशंका जताई कि उलटे उनको ही फंसाने का षड्यंत्र रचा रचा जा रहा है.
शिकायतकर्ताओं ने अबदुल हफीज को बेहद शातिर बताया है और उसपर आशंका व्यक्त की है, उन्होंने कहा है कि, वो गांव वालों को आपस में लड़ाना चाहता था. उस पर कई बच्चों का भी बहला-फुसलाकर उल्टी-सीधी हरकतें करने और धमकाने का भी आरोप है.
वहीं मदरसे के लीगल एडवाइजर शोएब आजम ने इस शिकायत को गांव के मनबढ़ों द्वारा मदरसे पर कब्जा करने का षणयंत्र बताया है. हालांकि मदरसे में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को बस्ती पहुंचकर बच्चें को वहां से अपने घर लेने के लिए आए है.