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मौलवी ने खोला सच, महिलाओं का भटक रहा मन, मोबाइल का गलत इस्तेमाल करके ले रही तलाक

पटना: हाल के वर्षों में, इस्लामी विवाहों में तलाक और ‘खुला’ के मामलों में वृद्धि हुई है। खासकर महिलाएं अब दारुल कजा जाकर अपने पतियों से अलग होने की मांग करने की हिम्मत दिखा रही हैं. इसके पीछे मुख्य कारण मोबाइल फोन का दुरुपयोग बताया जा रहा है, जो उच्च और उच्च मध्यम वर्ग के […]

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Maulvi revealed the truth, women's mind is wandering, they are taking divorce by misuse of mobile.
  • October 15, 2024 9:13 am Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

पटना: हाल के वर्षों में, इस्लामी विवाहों में तलाक और ‘खुला’ के मामलों में वृद्धि हुई है। खासकर महिलाएं अब दारुल कजा जाकर अपने पतियों से अलग होने की मांग करने की हिम्मत दिखा रही हैं. इसके पीछे मुख्य कारण मोबाइल फोन का दुरुपयोग बताया जा रहा है, जो उच्च और उच्च मध्यम वर्ग के वैवाहिक जीवन में तनाव पैदा कर रहा है। काजी के समक्ष ऐसे आवेदनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हर महीने चार राज्यों से पति-पत्नी के बीच अलगाव के करीब छह से सात सौ मामले दर्ज हो रहे हैं, जिनमें से 70 फीसदी से ज्यादा में ‘खुला’ मांगने के आवेदन शामिल हैं।

 

इजाजत देनी पड़ती है

 

वहीं इन मामलों में कई बार इस्लाम के खिलाफ बातें भी सामने आती हैं, जिससे काजी के लिए सुलह के रास्ते बंद हो जाते हैं और ‘खुला’ की इजाजत देनी पड़ती है। इमारत शरिया का दारुल क़ज़ा यह आंकड़ा जारी नहीं करता है, लेकिन अनुमान के मुताबिक, पश्चिम बंगाल से अलगाव की मांग करने वाले मामलों की संख्या बिहार से अधिक है। काजी मौलाना वसी साहब के मुताबिक, इस धार्मिक अदालत में शरीयत के मुताबिक शादी के पंजीकरण और अन्य सांसारिक मुद्दों पर फतवे जारी किए जाते हैं, लेकिन यह अक्सर टूटे रिश्तों का गवाह भी बनता है।

मुक्त कर देती है

 

इसका एक बड़ा कारण मोबाइल का दुरुपयोग है, जिसमें 40 फीसदी मामले छिपकर बातें करना, वीडियो रिकॉर्डिंग, चैटिंग और ब्लैकमेलिंग के सामने आए हैं। इसके अलावा 15 फीसदी मामले पति की नशे की लत और 10 फीसदी मामले महिलाओं के ऑनलाइन शॉपिंग पर प्रतिबंध के कारण होते हैं. खुला मांगने के ज्यादातर मामले निकाह के 40 दिन से एक साल के भीतर होते हैं। इस्लाम में पति-पत्नी के बीच रिश्ते खराब होने पर दोनों को तलाक और खुला मांगने का अधिकार है। तलाक के बाद पति को मेहर और भरण-पोषण का खर्च देना पड़ता है, जबकि ‘खुला’ के मामले में पत्नी पति को मेहर और अन्य अधिकारों से मुक्त कर देती है।

 

पैदा कर रहा है

 

कुछ केस अध्ययन भी इस प्रवृत्ति को दर्शाते हैं। बक्सर की एक नवविवाहिता ने कहा कि उसका पति नशीली दवाओं का सेवन करता है और इसलिए उसे ‘खुला’ की जरूरत है. वहीं, पश्चिम बंगाल के एक पति ने अपनी पत्नी की व्हाट्सएप चैट को सबूत के तौर पर पेश किया और तलाक की मांग की. ऐसे कई उदाहरण हैं जो बताते हैं कि कैसे तकनीकी उपकरणों का दुरुपयोग पारिवारिक रिश्तों में दरार पैदा कर रहा है।

 

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