मुंबई: मुंबई के कोविड स्कैम में ED यानी प्रवर्तन निदेशालय की अब तक की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो चुके हैं. जहां जांच के दौरान ईडी के हाथ कुछ वाट्सऐप चैट लगी हैं,इन चैट्स में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैं. ED की जांच में पता चला है कि शवों को सील […]
मुंबई: मुंबई के कोविड स्कैम में ED यानी प्रवर्तन निदेशालय की अब तक की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो चुके हैं. जहां जांच के दौरान ईडी के हाथ कुछ वाट्सऐप चैट लगी हैं,इन चैट्स में कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैं. ED की जांच में पता चला है कि शवों को सील करने के लिए जिस बैग का इस्तेमाल किया जाता है उसे लेकर भी बड़ा खुलासा हुआ है.
BMC Covid scam case | Searches revealed that a particular entity was supplying body bags for dead COVID-19 patients for Rs 2,000, while the said company supplied body bags for Rs 6,800 to the Central Procurement Department of BMC. The contract was given on instruction of the then…
— ANI (@ANI) June 23, 2023
दरअसल ED ने शुक्रवार को बताया कि जांच के बाद कोरोना काल के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले बैग्स को लेकर भी बड़ा घोटाला हुआ था. ये सभी बैग खरीदे गए थे, उनकी खरीद में BMC ने बड़ा घोटाला किया था. ED के अनुसार जांच में पता चला कि एक विशेष संस्था मृत सीओवीआईडी -19 रोगियों के लिए 2,000 रुपये में बॉडी बैग की आपूर्ति कर रही थी. जबकि उक्त कंपनी ने बीएमसी के केंद्रीय खरीद विभाग को 6,800 रुपये में बॉडी बैग की आपूर्ति की थी। इस कंपनी को बीएमसी के तत्कालीन मेयर के निर्देश पर ठेका दिया गया था.
गौरतलब है कि इस मामले में 21 जून को ED ने पूरे महाराष्ट्र की तलाशी ली जिसके तहत 68.65 लाख रुपये नकद, पूरे महाराष्ट्र में 50 से अधिक अचल संपत्तियों जिनके बाजार मूल्य का अनुमान 150 करोड़ रुपये से अधिक लगाया गया है, 15 करोड़ रुपये की सावधि जमा/निवेश, रुपये के आभूषण आइटम का खुलासा करने वाले दस्तावेज जब्त किए गए हैं. कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे मोबाइल फोन, लैपटॉप और विभिन्न आपत्तिजनक सामान भी बरामद किए गए हैं.
बता दें, इस मामले में आदित्य ठाकरे के सहयोगी सूरज चव्हाण और यूबीटी सांसद संजय राउत के पारिवारिक मित्र और व्यवसायी सुजीत पाटकर के साथ-साथ बीएमसी के दो वरिष्ठ अधिकारी का नाम भी सामने आया है. उप नगर आयुक्त रमाकांत बिरादर का नाम भी इस घोटाले से जोड़ा जा रहा है जो ठाकरे सरकार में करीबी रहे थे.