Manipur Violence: फिर हिंसा में जला मणिपुर, इंफाल में कर्फ्यू

नई दिल्ली: एक बार फिर मणिपुर हिंसा की आग से जल रहा है जहां इस बार हिंसा राजधानी इंफाल में हुई है. राजधानी इंफाल में हुई हिंसा से स्थितियां इतनी बेकाबू हो गईं की कर्फ्यू तक लगा दिया गया है. इतना ही नहीं स्थिति को काबू में करने के लिए आर्मी फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्स […]

Advertisement
Manipur Violence: फिर हिंसा में जला मणिपुर, इंफाल में कर्फ्यू

Riya Kumari

  • May 22, 2023 4:45 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

नई दिल्ली: एक बार फिर मणिपुर हिंसा की आग से जल रहा है जहां इस बार हिंसा राजधानी इंफाल में हुई है. राजधानी इंफाल में हुई हिंसा से स्थितियां इतनी बेकाबू हो गईं की कर्फ्यू तक लगा दिया गया है. इतना ही नहीं स्थिति को काबू में करने के लिए आर्मी फोर्स और पैरामिलिट्री फोर्स को बुलाया गया है. जानकारी के अनुसार न्यू चेकॉन इलाके में स्थित एक लोकल मार्केट में जगह को लेकर विवाद हुआ था. इसके बाद मैतई और कुकी समुदाय के बीच मारपीट हुई जिसने धीरे-धीरे हिंसा का रूप धारण कर लिया. ये हिंसा इतनी बढ़ गई कि मौके पर मौजूद पुलिस ने सेना को बुलाया जहां फिलहाल मौके पर कर्फ्यू लगा दिया गया है.

इंटरनेट सेवा भी की बंद

बताया जा रहा है कि हिंसा के दौरान आगजनी भी की गई है. मणिपुर सरकार ने बढ़ती घटनाओं और फेक न्यूज को देखते हुए हिंसा प्रभावित क्षेत्र में इंटरनेट और मोबाइल सर्विस को सस्पेंड कर दिया है. ये आदेश अगले पांच दिनों तक यानी 26 मई तक जारी रहेगा. इंटरनेट सर्विस को सस्पेंड करने का निर्णय इसलिए जरूरी है ताकि घरों और परिसरों को टारगेट ना किया जा सके. दरअसल अधिकारियों को डर है कि समाज में मौजूद असामाजिक तत्व हेट स्पीच के जरिये भीड़ को उकसा सकते हैं. इतना ही नहीं सार्वजानिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई जा सकती है. भड़काने और हिंसा को जारी जा रखा जाए इसलिए इंटरनेट को भी तत्काल प्रभाव के लिए बंद कर दिया गया है.

पिछले एक महीने से जारी है हिंसा

गौरतलब है कि पिछले महीने ही मणिपुर करीब एक महीने के लिए हिंसा की आग में जला है. कई मुद्दों को लेकर इस समय राज्य का माहौल अशांत नज़र आ रहा है जिसे शांत करने के लिए राज्य से लेकर केंद्र सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इस महीने की शुरुआत में मणिपुर की पहाड़ियों पर कई झड़पें देखी गईं. 3 मई को आदिवासियों ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग एकजुटता मार्च निकाला था. अब तक इस हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें:

2000 के नोट बंद होने पर भूपेश बघेल ने कहा – ये फैसला थूक कर चाटने जैसा

 

Advertisement