इम्फाल, मणिपुर के नोनी जिले में 29 जून को हुए भूस्खलन में अब तक 81 लोग लापता हैं, मणिपुर के नोनी जिले में स्थित सेना के कैंप में भूस्खलन से अब जान गंवाने वालों की संख्या 25 हो चुकी है. बता दें कि अभी भी मलबे में कई लोगों व आर्मी के जवानों के दबे […]
इम्फाल, मणिपुर के नोनी जिले में 29 जून को हुए भूस्खलन में अब तक 81 लोग लापता हैं, मणिपुर के नोनी जिले में स्थित सेना के कैंप में भूस्खलन से अब जान गंवाने वालों की संख्या 25 हो चुकी है. बता दें कि अभी भी मलबे में कई लोगों व आर्मी के जवानों के दबे होने की आशंका है जिनके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. जानकारी के मुताबिक जिस समय ये हादसा हुआ कैंप में बड़ी संख्या में जवान मौजूद थे.
बुधवार को मणिपुर के नोनी जिले में स्थित सेना के कैंप में भूस्खलन के बाद अब 25 लोग जान गँवा चुके हैं. बीते दिन मलबे से 12 और शवों की बरमदगी हुई है. वहीं घटना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने दुःख जताते हुए इस भूस्खलन को राज्य के इतिहास की अब तक की सबसे दुखद घटना बताया है. रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है और मलबे से आर्मी के जवानों के साथ-साथ आम आदमी को निकाला जा रहे है. ऐसे में बचाव कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने घटना स्थल का जायजा लिया.
सूबे के मुख्यमंत्री एन बीरेन ने घटना स्थल का जायजा लेते हुए जहाँ इस घटना को राज्य के इतिहास की अब तक की सबसे दुखद घटना बताया वहीं, आश्वासन दिया कि रेस्क्यू ऑपरेशन को 2-3 दिनों में पूरा कर लिया जाएगा. इसके अलावा सीएम बिरेन ने कहा कि केंद्र सरकार ने घटना के बचाव अभियान के लिए एनडीआरएफ और सेना के जवानों को भी भेजा है. चूंकि मिट्टी में नमी है इसलिए वाहनों की आवाजाही में देरी हो रही है. लेकिन जल्द से जल्द फंसे सभी 55 लोगों को निकाल लिया जाएगा.
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