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CRPF के मुरीद हुए मणिपुर के CM, जिरीबाम हमले पर बोले- नही होते जवान तो चली जाती कई लोगों की जान

बीरेन सिंह ने कहा, अगर सीआरपीएफ तैनात नहीं होती, तो कई नागरिकों की जान चली जाती। कुकी उग्रवादी रॉकेट लॉन्चर, एके 47 और कई अत्याधुनिक हथियारों के साथ आए थे। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आठ निर्दोष लोग मारे गए।

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N Biren Singh
  • November 22, 2024 12:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्लीः मणिपुर इस वक्त गंभीर हालातों से गुजर रहा है। मणिपुर बीते दिनों फिर से हिंसा का शिकार बना। मणिपुर के सीएम एन बीरेन ने हिंसा को लेकर बड़ी बात कही है। सीएम ने कहा कि जिरीबाम जिले में हुए टेरर अटैक में सीआरपीएफ ने समय रहते कई लोगों की जान बचाई। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि 10 कुकी उग्रवादियों ने जिरीबाम के बोरोबेकरा में एक राहत शिविर में घुसने की कोशिश की, जहां 115 आंतरिक रूप से विस्थापित लोग रह रहे थे, लेकिन सीआरपीएफ ने उनकी योजना को विफल कर दिया। असम के साथ अंतर-राज्यीय सीमा पर स्थित एक गांव बोरोबेकरा में 11 नवंबर को केंद्रीय बलों के साथ हुई मुठभेड़ में सभी 10 कुकी उग्रवादी मारे गए।

‘8 निर्दोष लोगों की मौत दुर्भाग्यपूर्ण’

बीरेन सिंह ने आगे कहा, “अगर सीआरपीएफ तैनात नहीं होती, तो कई नागरिकों की जान चली जाती। कुकी उग्रवादी रॉकेट लॉन्चर, एके 47 और कई अत्याधुनिक हथियारों के साथ आए थे। उन्होंने पुलिस शिविर पर हमला किया और मौके पर ही दो लोगों को मार डाला। वे बोरोबेकरा राहत शिविर में घुसने की कोशिश कर रहे थे, जहां 115 मैतेई नागरिक रह रहे थे… लेकिन सीआरपीएफ द्वारा समय पर हस्तक्षेप करने के कारण 115 लोगों की जान बच गई। हालांकि, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि आठ निर्दोष लोग मारे गए।”

आपको बता दें कुकी उग्रवादियों के हमले में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि मुठभेड़ के कुछ ही घंटों बाद कुकी उग्रवादियों ने एक ही परिवार के छह लोगों का अपहरण कर लिया, जिसमें तीन छोटे बच्चे और तीन महिलाएं शामिल थे। बाद में इन सभी की हत्या कर दी गई। सीएम ने इसे असहनीय अपराध बताया है।

दो समूहों में बंटकर हमला किया

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बोरोबेक्रा पर हमला करने से पहले कम से कम 24 संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने दो समूहों में बंट गए थे। एक समूह ने छह मैतेई लोगों को बंधक बना लिया, जबकि 10 लोगों के दूसरे समूह ने घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की और मैतेई समुदाय के दो वरिष्ठ नागरिकों की हत्या कर दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि ये 10 लोग बाद में सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए।

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