कर्नाटक के मंगलुरु में एक मछुआरा मछली पकड़ने के लिए समुद्र में निकला था. अचानक मौसम खराब हो गया और वह अपनी बोट से समुद्र में गिर गया. उसने हिम्मत नहीं हारी. वह 7 घंटों तक तैरता रहा और आखिरकार मौत को मात देते हुए वह जिंदगी की जंग जीत गया.
मंगलुरुः कर्नाटक के मंगलुरु के रहने वाले 40 साल के नागराजन की कहानी किसी फिल्म से कम नहीं है. पेशे से मछुआरे नागराजन मछली पकड़ने के लिए अपनी बोट से समुद्र में निकले थे. बीच रास्ते में मौसम खराब हो गया और अचानक वह अपनी बोट से गिर पड़े. नागराजन ने हिम्मत नहीं हारी और मौत को हराते हुए वह 7 घंटों तक समुद्र में तैरते रहे और जिंदगी की जंग जीत गए.
नागराजन शहर के बड़े मछली व्यापारी वसंत एस. सलेन के साथ काम करते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 16 अगस्त की सुबह वह अपने साथियों के साथ मछली पकड़ने के लिए समुद्र में निकले थे. बीच समुद्र पहुंचते ही अचानक मौसम खराब हो गया. नागराजन बोट से गिर पड़े. उनके साथियों को भी उनके समुद्र में गिरने का आभास नहीं हुआ. डेढ़ घंटे बाद बोट पर मौजूद अन्य मछुआरों को पता चला कि नागराजन बोट पर नहीं हैं.
इसके बाद उन्होंने नागराजन की तलाश शुरू की लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला. सुबह से शाम हो चली थी. शाम के 6 बजे तक वह मौत से जंग लड़ रहे थे. समुद्री जीव उनसे चिपक रहे थे. किसी तरह वह उनका निवाला होने और मौत से लड़ते रहे. कुछ ही देर बाद पश्चिमी तट के पास उन्हें एक व्यापारी जहाज आता हुआ नजर आया. उन्होंने नागाराजन को बाहर निकाला और न्यू मेंगलुरु पोर्ट अथॉरिटी से संपर्क किया.
नागराजन के परिजनों और अन्य साथियों को उनके जिंदा होने की खबर दी गई. इसके बाद वह लोग फौरन वहां पहुंचे और नागराजन को अपने साथ ले गए. सलेन बताते हैं कि समुद्र में जाने वालों के बारे में कहा जाता है कि अगर कोई शख्स तीन घंटे तक वापस नहीं लौटता है या उसका कुछ पता नहीं चलता तो उसे मृत मान लिया जाता है. मगर नागराजन के बारे में यह कथन गलत हो गया. वह 7 घंटे तक जीने के लिए संघर्ष करता रहा और आखिरकार उसने मौत को मात दे ही दिया.