नोएडा, नोएडा में ट्विन टावर गिराये जाने से पहले एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के एक ‘विशेष कार्यबल’ ने एक महीने पहले बहुत बारीकी से बनायी गयी योजना के तहत सोसाइटी के सभी लोगों को वहां से बाहर निकाल दिया था, सोसाइटी के लोग शुक्रवार से ही यहाँ से बाहर जाने लगे थे और जिन्हें नोएडा […]
नोएडा, नोएडा में ट्विन टावर गिराये जाने से पहले एमराल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के एक ‘विशेष कार्यबल’ ने एक महीने पहले बहुत बारीकी से बनायी गयी योजना के तहत सोसाइटी के सभी लोगों को वहां से बाहर निकाल दिया था, सोसाइटी के लोग शुक्रवार से ही यहाँ से बाहर जाने लगे थे और जिन्हें नोएडा से कहीं बाहर जाना था वो तो पहले ही यहाँ से चले गए थे. दरअसल, इसी सोसाइटी में ये दोनों अवैध टावर बने थे.
नोएडा में सुपरटेक के इन ट्विन टावर को रविवार को ढहा दिया, एक साल पहले उच्चतम न्यायालय ने अवैध रूप से बनाये गये इन टावर को गिरा देने का आदेश दिया था, जिसके बाद आज इन टावर्स को ध्वस्त कर दिया गया.
विशेष कार्यबल में सात सदस्य थे जो सोसाइटी के ही निवासी हैं, इस एसटीएफ के अलावा सोसाइटी में हर टावर के लिए एक कप्तान भी है, आज सुबह सात बजे बच्चों एवं बुजुर्गों समेत लगभग सभी लोग सोसाइटी के विशेष कार्यबल के आदेश के मुताबिक 15 आवासीय टावर को खाली कर चुके थे, एमराल्ड कोर्ट के गौरव मेहरोत्रा ने कार्यबल का नेतृत्व किया. लेकिन, सुबह सात बजे से ठीक कुछ देर पहले एक सुरक्षागार्ड ने विशेष कार्यबल को एक टावर की ऊपरी मंजिल पर एक व्यक्ति के रह जाने की सूचना थी, इस संबंध में विशेष कार्यबल के सदस्य नरेश केशवानी ने कहा, ”टावर खाली कराने की प्रक्रिया में दूसरी बार चेकिंग के दौरान हमें ये बात पता चली, वह जानकारी सामने आयी थी कि एक को छोड़कर सभी लोग टावर से चले गए. यह भी पता चला कि यह व्यक्ति अपार्टमेंट में गहरी नींद में सो रहा था और टावर खाली करने की समय सीमा की बात वो बिल्कुल भूल गया था.”
केशवानी ने कहा, ”किसी तरह सुरक्षाकर्मियों ने उसे जगाया और उसे महज सात बजे के आसपास टावर से बाहर निकाला.” उन्होंने कहा कि विशेष कार्यबल ने एक महीने तक चिंतन-मनन किया और उसने दोहरी पुष्टिकरण प्रक्रिया बनाई थी और इसी के तहत आज उस व्यक्ति को बचाया गया.
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