कोलकाता: कोलकाता रेप हत्याकांड के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री हर दिन एक नई मुश्किल में पड़ रही हैं। कानून व्यवस्था में सवालों से घिरी दीदी के पीछे CBI तो लगी ही हुई थी मगर अब भ्रष्टाचार के इल्जामों के बाद इस खेल में ED की भी ऐंट्री हो गई है। ममता बनर्जी अब चारों तरफ […]
कोलकाता: कोलकाता रेप हत्याकांड के बाद बंगाल की मुख्यमंत्री हर दिन एक नई मुश्किल में पड़ रही हैं। कानून व्यवस्था में सवालों से घिरी दीदी के पीछे CBI तो लगी ही हुई थी मगर अब भ्रष्टाचार के इल्जामों के बाद इस खेल में ED की भी ऐंट्री हो गई है। ममता बनर्जी अब चारों तरफ से घिर चुकी हैं।
सीबीआई, विपक्ष और जनता के गुस्से का सामना कर रही कोलकाता सरकार को अब ईडी से भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में केस दर्ज किया है। यह कार्रवाई सीबीआई की एफआईआर के आधार पर की गई है। बताया जा रहा है कि जांच के दौरान सीबीआई को कई ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो मनी लॉन्ड्रिंग की ओर इशारा कर रहे हैं। इसमें भी संदीप घोष को मुख्य आरोपी बनाया गया है। अन्य नाम भी वही हैं जो सीबीआई की एफआईआर में शामिल किए गए हैं।
ट्रेनी डॉक्टर को न्याय दिलाने की मांग को लेकर छात्रों ने मंगलवार को हावड़ा में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसे नबन्ना अभियान रैली का नाम दिया गया। इस विरोध प्रदर्शन को विफल करने के लिए कोलकाता पुलिस ने सभी हथकंडे अपनाए। छात्रों पर लाठी चार्ज हुआ, आंसू गैस के गोले दागे गए और पानी की बौछारें की गई।
हालांकि, प्रदर्शनकारी पीछे नहीं हटे। पुलिस पर पथराव भी किया गया। इस विरोध प्रदर्शन की योजना एक छात्र संगठन ने बनाई थी। अपको बता दें बंगाल सरकार ने इस विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी, इसके बावजूद छात्रों और आम लोगों ने न सिर्फ विरोध प्रदर्शन किया बल्कि ममता बनर्जी से इस्तीफे की भी मांग की।
Also Read– ममता के खिलाफ पीछे हटने को तैयार नहीं छात्र, हावड़ा ब्रिज पर धरने पर बैठे
क्या है नबन्ना, जहां तक मार्च निकालने को लेकर कोलकाता में आया इतना बड़ा तूफ़ान?