गांधीनगर : गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोशल मीडिया एक्स पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल खड़े किये हैं। भूपेंद्र पटेल ने पश्चिम बंगाल में फैली अराजकता पर जमकर ममता सरकार पर निशाना साधा हैं। पोस्ट में ममत के स्थानिक पुलिस प्रशासन पर भी सवाल किये है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने […]
गांधीनगर : गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोशल मीडिया एक्स पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सवाल खड़े किये हैं। भूपेंद्र पटेल ने पश्चिम बंगाल में फैली अराजकता पर जमकर ममता सरकार पर निशाना साधा हैं। पोस्ट में ममत के स्थानिक पुलिस प्रशासन पर भी सवाल किये है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज सोशल मीडिया एक्स पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जमके लताड़ा। पटेल ने कहा कि दीदी, हमें सिर्फ शब्दों की नहीं, बल्कि काम की जरूरत है।” इस पोस्ट में उन्होंने आगे कहा कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए POCSO अधिनियम और अन्य कानून मजबूत हैं, लेकिन उनका प्रभाव स्थानीय पुलिस द्वारा त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई पर निर्भर करता है। जांच से लेकर सजा तक, समय पर न्याय महत्वपूर्ण है।
भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के काम भी लगे हाथ गिना दिए। उन्होंने अपने पोस्ट में ऐसे 5 रेप केस की गिनती गिनाई जिनमें आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की गई थी। वह अपने पोस्ट से गुजरात राज्य के स्थानीय पुलिस द्वारा त्वरित और निष्पक्ष जांच की बखान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा ‘महिलाओं की सुरक्षा एक मौलिक मानव अधिकार है, कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं। हमें तत्परता, पारदर्शिता और सामूहिक जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए। भूपेंद्र पटेल ने दीदी से अनुरोध किया कि आइए सुनिश्चित करें कि हमारी माताएँ, बेटियाँ और बहनें बिना किसी डर के जी सकें। अब कोई देरी नहीं, कोई बहाना नहीं – केवल त्वरित कार्रवाई और जवाबदेही।
Mamta Didi, we need actions, not just words.
The POCSO Act and other laws for women’s safety are robust, but their impact depends on swift and fair action by local police. From investigation to conviction, timely justice is crucial.
Consider these cases:
Surat’s Pandesara…
— Bhupendra Patel (@Bhupendrapbjp) September 6, 2024
सूरत के पांडेसरा पोक्सो केस: 10 दिन में चार्जशीट दाखिल, आरोपियों को 22 दिन में मौत की सजा।
पुना पुलिस स्टेशन केस: आरोपियों को सिर्फ 32 दिन में मौत की सजा।
न सिर्फ बलात्कार के मामलों में, बल्कि 22 साल की बेटी की हत्या के मामले में भी गुजरात पुलिस ने 9 दिन में चार्जशीट दाखिल की और 75 दिन के अंदर न्याय हुआ, जिसमें हत्यारे को मौत की सजा सुनाई गई।
भावनगर पोक्सो केस: 24 घंटे में चार्जशीट दाखिल; 52 दिन में न्याय मिला।
पीछा करने और उत्पीड़न के मामले: दोषियों को 5 साल की सजा।
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