31 साल पहले हुए बलात्कार पर ममता ने वामपंथ को खदेड़ा, अब खुद फंस गईं!
नई दिल्ली। कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर की घटना को लेकर पश्चिम बंगाल चर्चा में है। देश के इस घटना को लेकर उबाल है। लोग सड़कों पर उतरकर ममता बनर्जी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। 11 दिनों से जारी प्रदर्शन के बाद ममता सरकार घिरती हुई नजर आ रही। मामले की जांच CBI कर रही है लेकिन कई सवाल उलझे हुए हैं। इस घटना ने बंगाल में 31 साल पहले हुए रेप की घटना की यादों को ताजा कर दिया। ममता बनर्जी ने बलात्कार की इस घटना को लेकर हंगामा काटा था। आइये जानते हैं मामला…
साल 1993 में बंगाल में ज्योति बसु की सरकार थी। उस वक़्त वामपंथ का दबदबा था। नदिया जिले में एक दिव्यांग लड़की से बलात्कार किया गया। ज्योति बसु सरकार को लेकर लोगों में नाराजगी दिखी। इसी बीच ममता बनर्जी पीड़ित लड़की के साथ राइटर्स बिल्डिंग जो कि पश्चिम बंगाल सरकार का सचिवालय था, पहुँच गईं। वो ज्योति बसु से मिलने के लिए धरने पर बैठ गईं। ममता ने आरोप लगाया कि आरोपियों का संबंध लेफ्ट पार्टी से है, इस कारण दोषी गिरफ्तार नहीं हो रहे।
सीएम बसु ममता से नहीं मिले लेकिन इसके बाद भी वो वहां से टस से मस नहीं हो रही थीं। इसके बाद महिला पुलिसकर्मियों ने ममता और पीड़िता को घसीटते हुए सीढ़ियों से नीचे उतारा। उन्हें पुलिस मुख्यालय लालबाजार ले जाया गया। इस दौरान ममता के कपड़े फट गए। कहा जाता है कि ममता ने उसी दिन कसम खा ली थी कि वो मुख्यमंत्री बनकर ही सचिवालय में वापस लौटेंगी। फिर 18 साल बाद 20 मई 2011 को ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनकर ही यहां वापस लौटीं। इन 18 सालों में उन्होंने वामपंथ की सरकार को हिला कर रख दिया। अब वहीं ममता बनर्जी आरजी कर अस्पताल में हुए रेप को लेकर खुद सवालों के घेरे में हैं।
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