अखिलेश यादव का सीएम योगी पर निशाना, कहा- ‘कोई देखे न देखे योगी जी जरूर देखेंगे’

मैनपुरी. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी सीट पर उपचुनाव हो रहा है. पांच दिसंबर को मैनपुरी सीट पर उपचुनाव होगा और आठ दिसंबर को नतीजे आएँगे. समाजवादी पार्टी ने इस उपचुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी और मुलायम की बहू डिंपल यादव पर दांव चला है. वहीं, भाजपा ने […]

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अखिलेश यादव का सीएम योगी पर निशाना, कहा- ‘कोई देखे न देखे योगी जी जरूर देखेंगे’

Aanchal Pandey

  • November 25, 2022 6:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मैनपुरी. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन से खाली हुई मैनपुरी सीट पर उपचुनाव हो रहा है. पांच दिसंबर को मैनपुरी सीट पर उपचुनाव होगा और आठ दिसंबर को नतीजे आएँगे. समाजवादी पार्टी ने इस उपचुनाव में अखिलेश यादव की पत्नी और मुलायम की बहू डिंपल यादव पर दांव चला है. वहीं, भाजपा ने ‘नेताजी’ के शिष्य रहे रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारकर चुनाव दिलचस्प कर दिया है. वहीं, इस बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव पत्नी डिंपल के लिए जमकर प्रचार करते नज़र आ रहे हैं, इसी कड़ी में शुक्रवार को अखिलेश यादव ने करहल में चुनाव प्रसार किया. यहाँ उन्होंने चुनाव प्रचार करते हुए कहा कि करहल विधानसभा ही सबसे अच्छे वोटों से जिताने का काम करेगी.

संबोधन में क्या बोले अखिलेश

यहाँ चुनाव प्रचार करते हुए जनता को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “करहल विधानसभा चुनाव में डिंपल यादव को सबसे अच्छे वोटों से जिताने का काम करेगी. जीत के बाद सब देखेंगे कि सदन में सपा कितने वोटों से जीत कर आई है, ऐसे में कोई देखे ने देखे योगी जी जरूर देखेंगे. इसलिए इस बार आप पहले से ज्यादा अच्छे तरीके से मतदान करें और समाजवादी पार्टी को जिताएं, क्योंकि ये नेताजी के न रहने पर चुनाव है, ये चुनाव पूरा देश देखेगा. जैसा नेताजी काम करते थे वैसा काम कोई नहीं कर सकता.”

कन्नौज में अखिलेश का बड़ा ऐलान

लोकसभा चुनाव की तैयारी अभी से ही शुरू हो गई हैं, विपक्षी नेता चुनाव के लिए अभी से ही विपक्षी एकता की कवायद कर रहे हैं. ऐसे में, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है. दरअसल, कन्नौज में अखिलेश यादव से पूछा गया कि आपने डिंपल यादव को हमसे क्यों छीन लिया. इसपर अखिलेश ने कहा कि वो खुद यहाँ से चुनाव लड़ेंगे, साथ ही अखिलेश ने मज़ाकिया लहजे में ये भी कहा कि “अभी हम खाली बैठे हैं और राजनेता है तो क्या करें, चुनाव ही तो लड़ेंगे.” अखिलेश यादव ने ये बयान यूँ ही नहीं दिया है, बल्कि इस बयान के पीछे एक सोची-समझी रणनीति है. ये तो जगजाहिर है कि कनौज सीट अखिलेश यादव के ज्यादा करीब है और कन्नौज से डिंपल यादव की हार अखिलेश अब तक भूला नहीं पाए हैं. ऐसे में, डिंपल यादव को कन्नौज की जगह मैनपुरी शिफ्ट कर दिया गया है. अखिलेश ने खुद अब कन्नौज की कमान संभाली है. अगर मुख्यमंत्री नहीं तो फिर प्रदेश की राजनीति सदन से नहीं बल्कि संसद से होगी, इससे ये तो साफ़ है कि अखिलेश यादव सदन जाना चाहते हैं. अखिलेश यादव की रुचि प्रदेश की राजनीति से ज्यादा राष्ट्रीय राजनीति में है.

 

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