महाराष्ट्र के परभणी में बुधवार को अंबेडकर की प्रतिमा के सामने रखी संविधान की प्रतीकात्मक पुस्तक फाड़े जाने के बाद हिंसा भड़क उठी। इस घटना ने पूरे शहर को हिंसक विरोध और तोड़फोड़ की आग में झोंक दिया गया।
मुंबई : महाराष्ट्र के परभणी में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा संविधान का अपमान करने के बाद हिंसा भड़क उठी। इस दौरान कई इलाकों में आगजनी की घटनाएं सामने आईं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि संविधान का अपमान करने वालों को फांसी की सजा दी जानी चाहिए। हालात पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे गए। एहतियात के तौर पर इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही BNSS की धारा 163 लागू कर दी गई है।
प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर ऑफिस में घुसकर तोड़फोड़ की और कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। वहीं, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बड़े पैमाने पर बल तैनात किया है। हिंसा की शुरुआत मंगलवार शाम को हुई। इस घटना के बाद स्थानीय नागरिकों ने आरोपी को पकड़ लिया और उसकी पिटाई कर दी। पुलिस ने तुरंत आरोपी को हिरासत में ले लिया और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी। गुस्साए लोगों ने बुधवार को पूरा शहर बंद रखने का ऐलान किया है।
कलेक्टर ऑफिस में पथराव और तोड़फोड़ परभणी में बुधवार सुबह से ही प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने परभणी-नांदेड़ हाईवे जाम कर दिया, टायर जलाए और पुलिस पर पथराव किया। प्रदर्शन के दौरान हिंसक भीड़ ने जिला कलेक्टर कार्यालय में घुसकर कुर्सियां और टेबल तोड़ दिए। डीआईजी उमप शाह ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने दुकानों के साइनबोर्ड और सीसीटीवी कैमरों को भी निशाना बनाया। उन्होंने कई वाहनों के टायर जलाए।
घटना पर टिप्पणी करते हुए एडिशनल एसपी यशवंत काले ने कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। प्रशासन ने संविधान की प्रतीकात्मक पुस्तक को फिर से स्थापित किया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने संविधान का अपमान करने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश अंबेडकर ने इसे दलित प्रतीकों पर हमला बताया और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की। कांग्रेस नेता हुसैन दलवई ने घटना को साजिश करार देते हुए हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की। शिवसेना प्रवक्ता कृष्ण हेगड़े ने भी शांति बनाए रखने की अपील की।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई के बाद स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन शहर में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पुलिस ने इलाके में रैपिड एक्शन फोर्स और दंगा नियंत्रण पुलिस को तैनात किया है। डीआईजी उमप शाह ने बताया कि सभी संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है। इस घटना ने शहर के सामाजिक ताने-बाने को झकझोर दिया है और प्रशासन पर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने का दबाव बढ़ गया है।
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