शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है. पार्टी विधायक राजन साल्वी ने इस्तीफा दे दिया है. वह एकनाथ शिंदे की पार्टी शिव सेना में शामिल होंगे. वहीं अभी कुछ दिनों पहल ही इसी तरह की खबर सामने आई थी.
नई दिल्ली: शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है. पार्टी विधायक राजन साल्वी ने इस्तीफा दे दिया है. वह एकनाथ शिंदे की पार्टी शिव सेना में शामिल होंगे. वहीं अभी कुछ दिनों पहल ही इसी तरह की खबर सामने आई थी. जिसमें उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक बार फिर उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दिया है। उद्धव ठाकरे की पार्टी शिव सेना (यूबीटी) के 6 सांसद इस्तीफा दे सकते हैं.
इस खबर के सामने आने के बाद महाराष्ट्र में एक बार फिर भूचाल आ गया. वहीं सूत्रों के मुताबिक, ठाकरे गुट के छह सांसद शिंदे गुट के संपर्क में हैं. ऑपरेशन टाइगर के जरिए ठाकरे गुट के 9 में से 6 सांसद शिंदे गुट में शामिल हो सकते हैं. सूत्रों से पता चला है कि इस अभियान को आगामी संसद सत्र से पहले पूरा करने की कोशिश की जा रही है. महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी घमासान मचने वाला है.
जी हाँ… एकनाश शिंदे ने एक बार फिर से उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका देने की योजना बनाई है. विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार से अब तक उबर नहीं पाई उद्धव ठाकरे की शिवसेना को डिप्टी सीएम बड़ा झटका देने जा रहे हैं.दावा किया जा रहा है कि एक बार फिर से उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट के टूटने की चर्चा है. इसे ऑपरेशन टाइगर नाम दिया गया है. एकनाथ शिंदे ने खुद ही उद्धव ठाकरे को चोट पहुंचाने की पूरी प्लानिंग बनाई है.
सूत्रों का कहना है कि उद्धव ठाकरे के नौ में से छह सांसद जल्द ही एकनाथ शिंदे गुट में शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि इसी मकसद से शिवसेना शिंदे गुट की ओर से ऑपरेशन टाइगर चलाया जा रहा है. अब ऑपरेशन टाइगर को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है. एकनाथ शिंदे ने बताया है कि ऑपरेशन टाइगर की तैयारी पूरी हो चुकी है. ऑपरेशन टाइगर’ को लेकर कई दिनों से चर्चा चल रही है.
दलबदल विरोधी कानून के चलते 6 सांसदों की संख्या बढ़ाने के लिए पिछले कुछ दिनों से सांसदों से संपर्क किया जा रहा था. यदि इस कानून से बचना था तो 9 में से 6 ठाकरे सांसदों को अलग होना पड़ा, अन्यथा अलग होने वाले समूह के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जा सकती थी। इसलिए दलबदल विरोधी कानून से बचने के लिए 6 सांसदों की संख्या अहम थी. इसलिए सांसदों को पूरी तरह से मनाने में वक्त लगा.
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