Saugat-E-Modi: भारत में इन दिनों ‘सौगात-ए-मोदी’ की चर्चा जोरों पर है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ईद के पावन अवसर पर देशभर के 32 लाख मुस्लिम परिवारों को विशेष तोहफा देने की घोषणा की है. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा द्वारा शुरू की गई इस पहल के तहत ‘सौगात-ए-मोदी’ किट जरूरतमंद मुस्लिम परिवारों तक मस्जिदों के जरिए पहुंचाई जाएगी. हालांकि इस कदम पर विपक्षी नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है. जिसमें शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है.

शिवसेना (UBT) के नेता उद्धव ठाकरे ने इस योजना को भाजपा का दोहरा चेहरा करार दिया है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा ‘यह ‘सौगात-ए-मोदी’ नहीं बल्कि ‘सौगात-ए-सत्ता’ है. भाजपा का असली चेहरा अब सबके सामने आ गया है.’ ठाकरे ने इसे ‘सत्ता जिहाद’ की संज्ञा दी और आरोप लगाया कि भाजपा इस कदम से राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, ‘जिन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा दिया. वही अब सौगात बांट रहे हैं. यह साफ दिखाता है कि उनका मकसद सिर्फ वोट हासिल करना है.’

बिहार चुनाव के लिए भाजपा की रणनीति?

उद्धव ठाकरे ने यह भी दावा किया कि यह योजना बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर बनाई गई है. उन्होंने सवाल उठाया, ‘यह कैसी किट है? यह तो राजनीतिक स्वार्थ साधने का जरिया लगती है.’ ठाकरे ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, ‘वह मुझ पर हिंदुत्व छोड़ने का आरोप लगाते हैं लेकिन अब उन्हें खुद जवाब देना चाहिए कि यह क्या कर रहे हैं.’ उनका यह बयान भाजपा की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

निजामुद्दीन से शुरू होगा अभियान

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा इस अभियान की शुरुआत मंगलवार से दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके से करेगा. इस पहल का लक्ष्य गरीब मुस्लिम परिवारों को ईद का त्योहार खुशी से मनाने में मदद करना है. इसके तहत 32,000 कार्यकर्ता देशभर की 32,000 मस्जिदों के साथ मिलकर जरूरतमंदों तक यह किट पहुंचाएंगे. यह योजना सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने का दावा करती है.

‘सौगात-ए-मोदी’ किट में क्या होगा?

इस खास किट में खाद्य सामग्री जैसे सेंवई, खजूर, ड्राई फ्रूट्स और चीनी के साथ-साथ कपड़े शामिल होंगे. महिलाओं के लिए किट में सूट का कपड़ा और पुरुषों के लिए कुर्ता-पायजामा होगा. सूत्रों के मुताबिक प्रत्येक किट की कीमत 500 से 600 रुपये के बीच होगी. इस अभियान का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि आर्थिक रूप से कमजोर मुस्लिम परिवार भी ईद की खुशियां मना सकें.

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