शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा गया था। इस बात को देवेंद्र फडणवीस और भाजपा के लोग भी मानते हैं।
शिंदे गुट एक शर्त पर मुख्यमंत्री पद छोड़ने को तैयार है. वह शर्त ये है कि एकनाथ शिंदे को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में जगह दी जाए.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की प्रचंड जीत के बाद मुख्यमंत्री पद पर सुई अटक गई है. नए सीएम की अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है. वहीं इस बीच केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले का बड़ा बयान आया है. उनका कहना है कि एकनाथ शिंदे को केंद्र में लाया जाना चाहिए. एकनाथ शिंदे ने मंगलवार (नवंबर 26, 2024) को देवेंद्र फड़नवीस और अजीत पवार की मौजूदगी में सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
महाराष्ट्र में भारी बहुमत से जीत दर्ज करने के बाद महायुति के सहयोगी दलों के बीच मुख्यमंत्री चेहरे पर फैसला होना है. हालांकि, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. बीजेपी ने अकेले 132 सीटें जीतीं और इस तरह महायुति ने 230 सीटें जीतीं. इस बीच यह भी जानकारी सामने आ रही है कि 5 नवनिर्वाचित निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया है.
सोलापुर दक्षिण सीट पर धर्मराज कडाड़ी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। उन्हें सुशील कुमार शिंदे और उनकी बेटी प्रणीति शिंदे का समर्थन मिला। 20 नवंबर को वोट डालने के बाद प्रणीति ने अपने समर्थकों से अपील की कि धर्मराज को वोट दें। शिंदे ने इस पर कहा कि धर्मराज एक अच्छे नेता हैं।
स्वरा भास्कर के पति फहद अहमद अणुशक्ति नगर विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं. एनसीपी (शरद पवार) ने उन्हें टिकट दिया. फहद अहमद एनसीपी (अजित पवार) उम्मीदवार और नवाब मलिक की बेटी सना मलिक के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे। नतीजों में पति की हार के बाद स्वरा ने ईवीएम पर सवाल उठाए और चुनाव आयोग से जवाब मांगा.
महेश चौगुले पहली बार 2015 में विधायक बने थे और वह पिछले तीन बार से, भारी मतों से जीत रहे है. इस बार महेश चौगुले ने 30 हज़ार वोट से भी ज्यादा अंतर से अपनी जीत दर्ज की है. सुबह से ही उनके दफ्तर के पास आतिशबाजी शुरू हो गई थी.
महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के चुनावी रुझानों ने विपक्ष को सोचने को मजबूर कर दिया है कि गलती कहां हुई. लोकसभा चुनाव में जिन मुद्दों ने विपक्ष को सफलता दिलाई थी क्या अब वो काम नहीं कर रहे हैं. आखिर देश के चुनाव में कमजोर हुई भाजपा और एनडीए विधानसभा चुनाव में कैसे भारी पड़ रहे हैं?
झारखंड की 81 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान हुआ। पहले चरण में 13 नवंबर को 43 सीटों पर 66.65% वोटिंग हुई तो दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 सीटों पर 68 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। झारखंड में मुख्य मुकाबला NDA (भाजपा-एजेएसयू) और INDIA गठबंधन (झामुमो-कांग्रेस) के बीच है।
झारखंड और महाराष्ट्र विधासभा चुनाव में वोटों की गिनती थोड़ी देर में शुरू हो जाएगी।