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हिंदुत्व BJP का झूठा है, मंदिर को ध्वस्त करने की जा रही है कोशिश, संजय राउत कमल छाप पर बरसे

उद्धव गुट के नेता अरविंद सावंत भी दादर स्टेशन पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बीजेपी को घेरा. शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, ''बीजेपी का हिंदुत्व झूठा है. जब हमने कल यह मुद्दा उठाया तो वह इधर-उधर भाग रहे थे. वे डीआरएम के पास भाग रहे हैं और एक झूठा पत्र ला रहे हैं और मामले को शांत कर रहे हैं.'' हम किसी भी हालत में इस मंदिर को टूटने नहीं देंगे.

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हिंदुत्व BJP का झूठा है, मंदिर को ध्वस्त करने की जा रही है कोशिश, संजय राउत कमल छाप पर बरसे
  • December 14, 2024 9:35 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 hours ago

मुंबई: मुंबई के दादर रेलवे स्टेशन के बाहर स्थित हनुमान मंदिर को लेकर राजनीति तेज हो गई है. मंदिर को अतिक्रमण घोषित करने और इसे हटाने के लिए नोटिस जारी करने को लेकर शिवसेना-उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट बीजेपी पर हमला बोल रहा है. शनिवार (14 दिसंबर) को उद्धव गुट के नेता संजय राउत मंदिर के पास दादर रेलवे स्टेशन पहुंचे। हालांकि रेलवे ने मंदिर तोड़ने के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है.इस दौरान संजय राउत ने कहा, ”1990 में जब मुंबई जल रही थी तो हम मैदान में थे और बाला साहेब ठाकरे ने महाआरती की थी और आज हम फिर से आरती कर रहे हैं. हमेशा हिंदुओं और हिंदुत्व के लिए लड़ते रहे हैं.

 

बीजेपी का हिंदुत्व झूठा है

 

उद्धव गुट के नेता अरविंद सावंत भी दादर स्टेशन पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बीजेपी को घेरा. शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा, ”बीजेपी का हिंदुत्व झूठा है. जब हमने कल यह मुद्दा उठाया तो वह इधर-उधर भाग रहे थे. वे डीआरएम के पास भाग रहे हैं और एक झूठा पत्र ला रहे हैं और मामले को शांत कर रहे हैं.” हम किसी भी हालत में इस मंदिर को टूटने नहीं देंगे.

उधर, बीजेपी नेता किरीट सोमैया भी दादर स्टेशन मंदिर पहुंचे, जिसके बाद वहां हंगामा मच गया. उद्धव ठाकरे के समर्थकों ने किया किरीट सोमैया का विरोध. शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि बीजेपी केवल चुनावों के लिए हिंदुओं का इस्तेमाल करती है। इससे पहले शुक्रवार को उद्धव ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर बीजेपी को घेरा था.

 

7 दिन का नोटिस दिया था

 

बीजेपी पर हमला बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा था, ”वे 80 साल पुराने मंदिर को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं.” ये कौन सा हिंदुत्व है? केंद्र और राज्य सरकारें इस मामले में निष्क्रिय हैं. रेलवे ने 4 दिसंबर को मंदिर के ट्रस्टी या पुजारी को नोटिस भेजा था। इसमें कहा गया था कि यह संरचना रेलवे के स्वामित्व वाली भूमि पर अतिक्रमण करके बनाई गई थी। इसे बिना अनुमति के बनाया गया था.

रेलवे ने नोटिस में कहा कि इस निर्माण के कारण यात्री ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है और दादर स्टेशन पर बुनियादी ढांचे के निर्माण में भी बाधा उत्पन्न हो रही है. रेलवे ने ढांचा हटाने के लिए 7 दिन का नोटिस दिया था. हालांकि विवाद बढ़ने के बाद इसे वापस ले लिया गया.

 

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