नई दिल्ली/मुंबई। महाराष्ट्र(Maharashtra) में चार दशक पुरानी लड़ाई को खत्म करने के लिए मराठों को 10 से 12 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए मसौदा तैयार कर लिया, जिस पर आज यानी मंगलवार को होने वाले राज्य विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में मुहर […]
नई दिल्ली/मुंबई। महाराष्ट्र(Maharashtra) में चार दशक पुरानी लड़ाई को खत्म करने के लिए मराठों को 10 से 12 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए मसौदा तैयार कर लिया, जिस पर आज यानी मंगलवार को होने वाले राज्य विधानमंडल के एक दिवसीय विशेष सत्र में मुहर भी लग सकती है।
मराठों को आरक्षण की मांग पर लगातार असंतोष के बीच बुलाए गए राज्य विधानमंडल के विशेष सत्र की शुरुआत राज्यपाल रमेश बैस के अभिभाषण के साथ होगी। फिर सदन में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट पेश की जाएगी। इस रिपोर्ट में मराठों को पिछड़ा घोषित कर आरक्षण देने को लेकर सिफारिश की गई है। खबरों के मुताबिक, राज्य सरकार ने मराठा आरक्षण का मसौदा तैयार कर लिया है तथा विधानमंडल में पेश होने से पहले मंगलवार को सुबह राज्य कैबिनेट की मीटिंग में इसको मंजूरी दी जाएगी।
मसौदे में उन त्रुटियों को दूर कर लिया गया है जिसके आधार पर सर्वोच्च न्यायालय ने मराठा आरक्षण को खारिज कर दिया था। सीएम एकनाथ शिंदे ने सोमवार को कहा कि मराठा समाज को टिकाऊ और कानून के दायरे में आरक्षण देने के लिए विधानमंडल का ये विशेष सत्र आयोजित किया गया है। ओबीसी या फिर अन्य समुदायों के आरक्षण को नुकसान पहुंचाए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण मिलेगा। उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि हम ऐसा आरक्षण देंगें जो मनोज जरांगे को स्वीकार हो या न हो लेकिन मराठों को जरूर स्वीकार होगा।