मुंबई, शिवसेना के 12 विधायकों पर कार्रवाई के लिए शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर को पत्र दिया है. इस पत्र के बाद एकनाथ शिंदे का ट्वीट सामने आया है. इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि “हम आपके सभी तरीके और कानूनों को जानते हैं. संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार व्हिप विधानसभा कार्य के लिए है […]
मुंबई, शिवसेना के 12 विधायकों पर कार्रवाई के लिए शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर को पत्र दिया है. इस पत्र के बाद एकनाथ शिंदे का ट्वीट सामने आया है. इस ट्वीट में उन्होंने कहा कि “हम आपके सभी तरीके और कानूनों को जानते हैं. संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार व्हिप विधानसभा कार्य के लिए है न की बैठकों के लिए. इस संबंध में सर्वोच्च न्यायलय के कई फैसले हैं. 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की अर्जी देकर आप हमें डरा नहीं सकते, क्योंकि हम आदरणीय शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के असली शिव सैनिक हैं. हम कानून भी जानते हैं, इसलिए हमको धमकी मत दीजिए, आपके पास संख्या नहीं है फिर भी सरकार चला रहे हैं. अब हम तुम पर कार्रवाई की मांग करते हैं.”
शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने ट्वीट किया, "आप अयोग्यता के लिए 12 विधायकों के नाम बताकर हमें डरा नहीं सकते क्योंकि हम शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे के अनुयायी हैं। हम कानून जानते हैं, इसलिए हम धमकियों पर ध्यान नहीं देते हैं।" pic.twitter.com/8T9A4AOhyZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 23, 2022
शिवसेना ने अब गुवाहाटी में एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर शक्ति प्रदर्शन कर रहे सभी बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इस संबंध में अब शिवसेना ने डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखा है. जहां इस पत्र में शिवसेना द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल न होने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. पार्टी की ओर से इस मामले में यह पहली चिट्ठी है जो डिप्टी स्पीकर को दी गई है. बता दें, गुरुवार सुबह एकनाथ शिंदे गुट के सभी बागी विधायकों ने भी शिवसेना को चिट्ठी जारी की थी.
असम के गुवाहाटी के एक होटल में डेरा जमाए शिवसेना के बागी विधायकों ने एक चिट्ठी जारी की है। इस चिट्ठी को एकनाथ शिंदे ने जारी किया है। चिट्ठी में शिवसेना शीर्ष नेतृत्व पर कई गंभीर आरोप लगाए गए है। उसमें लिखा गया है कि मुख्यमंत्री उद्धव का आवास वर्षा में सिर्फ एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों का ही प्रवेश हो पाता था। बागी शिवसेना विधायकों के चिट्ठी में आगे लिखा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कभी भी हमारी परेशानियों को नहीं सुना। हमें कभी उद्धव के दफ्तर जाने का सौभाग्य नहीं मिला। हिन्दुत्व और राम मंदिर हमेशा से ही शिवसेना का मुद्दा था, लेकिन पार्टी उससे पीछे जा रही थी। शिवसेना प्रमुख ने सिर्फ आदित्य ठाकरे को ही अयोध्या भेजा
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