इम्फाल: पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में हिंसक विरोध जारी है. बता दें कि ये विरोध मैतेई समुदाय को एसटी (ST) का दर्जा दिए जाने को लेकर किया जा रहा है. और अब इस हिंसा की भीड़ गांवों तक पहुँच चुकी है, घरों में आग लगाई जा रही है, दुकानों और बाहरी इलाकों में तोड़फोड़ […]
इम्फाल: पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में हिंसक विरोध जारी है. बता दें कि ये विरोध मैतेई समुदाय को एसटी (ST) का दर्जा दिए जाने को लेकर किया जा रहा है. और अब इस हिंसा की भीड़ गांवों तक पहुँच चुकी है, घरों में आग लगाई जा रही है, दुकानों और बाहरी इलाकों में तोड़फोड़ भी की जा रही है. हालात गंभीर होते जा रहे हैं ऐसे में अब उन राज्यों के छात्रों के लिए चिंता बढ़ गयी है जहाँ के छात्र यहाँ पढ़ाई करते हैं, दरअसल, मणिपुर में चल रहे स्थानीय तनाव की वजह से मणिपुर NIT में पढ़ रहे छात्र बेहद परेशान थे जिनकी मदद के लिए महाराष्ट्र सरकार ने आश्वासन दिया है.
फिलहाल महाराष्ट्र के मुख्य सचिव ने मणिपुर के पुलिस महानिदेशक से संपर्क करके स्थिति सामान्य होने तक छात्रों को तुरंत सुरक्षित माहौल में रखने का अनुरोध किया है . इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार इन छात्रों को सुरक्षित वापस महाराष्ट्र लाने के लिए तत्काल व्यवस्था में जुट गई है. वहीं महाराष्ट्र प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस हिंसा में अब तक 54 लोगों की मौत हो चुकी है. अधिकारियों के अनुसार जिन 54 लोगों की मौत हुई है. इनमें से 16 के शवों को चुराचांदपुर के जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखा गया है. वहीं 15 शव जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (JNIMS) में रखे गए हैं. और इसके अलावा इंफाल के पश्विम में स्थित लाम्फेल में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) की ओर से 23 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है.
मणिपुर में चल रहे हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. जिस दौरान कोर्ट ने इस बात पर हैरानी जताया है और कहा है कि HC किसी विशेष समुदाय को जनजाति की लिस्ट में शामिल करने का आदेश कैसे दे सकता है? बता दें कि इस मामले पर अब अगली सुनवाई 17 मई को होगी.
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