मुंबई, महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. जहां अकेले मुंबई में ही शनिवार को कोरोना के 2054 नए केस सामने आए. बात करें महाराष्ट्र की तो यहां बीते 24 घंटे में 3884 नए मामले सामने आये हैं. जबकि कोरोना की वजह से 2 मरीजों की मौत हो गई. हेल्थ एक्सपर्ट्स मुंबई […]
मुंबई, महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. जहां अकेले मुंबई में ही शनिवार को कोरोना के 2054 नए केस सामने आए. बात करें महाराष्ट्र की तो यहां बीते 24 घंटे में 3884 नए मामले सामने आये हैं. जबकि कोरोना की वजह से 2 मरीजों की मौत हो गई. हेल्थ एक्सपर्ट्स मुंबई में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर लगातार चिंता जाहिर कर रहे हैं. महाराष्ट्र में कोरोना विस्फोट होने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है. इससे पहले शुक्रवार को महाराष्ट्र में 4,165 कोरोना केस दर्ज किए गए थे. वहीं 3 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया था. जबकि मुंबई में कोरोना के 2255 नए मामले दर्ज किए गए थे, वहीं 2 लोगों की मौत हुई थी.
जबकि गुरुवार को 12,847 नए मामले दर्ज किए गए थे. सबसे अधिक 4,255 मामलों के साथ महाराष्ट्र टॉप पर था इसके बाद केरल में 3,419 मामले, दिल्ली में 1,323 मामले, कर्नाटक में 833 मामले और हरियाणा में 625 मामले सामने आए थे. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक गुरूवार को 14 मौते दर्ज की गयी थीं |
हाल ही में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि संक्रमण बढ़ने के बावजूद अभी भी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 2 से 3 फीसदी ही है. उन्होंने बताया था कि अभी कोरोना का नया वैरिएंट सामने नहीं आया है. उन्होंने ये भी बताया कि मुंबई में पॉजिटिविटी रेट 40 फीसदी के करीब पहुंच चुकी है.
महाराष्ट्र में आज #COVID19 के 3,883 नए मामले सामने आए और 2 मरीज़ों की मृत्यु हुई है। सक्रिय मामले 22,828 हैं। pic.twitter.com/EzXm7mgD5F
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 18, 2022
आईसीएमआर और भारत बायोटेक के अध्ययन में विशेषज्ञों का कहना है कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीके का प्रभाव बढ़ाती है। अध्ययन में कहा गया है कि सीरियन हैमस्टर मॉडल (मनुष्य से जुड़ी बीमारियों का अध्ययन करने वाले पशु मॉडल) में डेल्टा स्वरूप के खिलाफ टीकाकरण की दो-तीन खुराक के बाद भारत बायोटेक के कोवैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षात्मक क्षमता तथा ओमीक्रोन के स्वरूपों के खिलाफ इसके प्रभाव का अध्ययन किया गया। इस अध्ययन के नतीजे पिछलें दिनो बायोआरक्सिव में प्रकाशित हुए।
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