Maharshtra: उद्धव ठाकरे को CM शिंदे ने दिया एक और झटका, इस नेता ने बदली पार्टी

मुंबई: शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह मिलने के बाद भी शिंदे गुट उद्धव ठाकरे के लिए मुसीबत बना हुआ है. जहां अब सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने पूर्व मुख्यमंत्री को एक और झटका दे दिया है. उन्होंने ठाकरे गट के बड़े नेता सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई को अपने गुट में शामिल […]

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Maharshtra: उद्धव ठाकरे को CM शिंदे ने दिया एक और झटका, इस नेता ने बदली पार्टी

Riya Kumari

  • March 13, 2023 8:43 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई: शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह मिलने के बाद भी शिंदे गुट उद्धव ठाकरे के लिए मुसीबत बना हुआ है. जहां अब सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने पूर्व मुख्यमंत्री को एक और झटका दे दिया है. उन्होंने ठाकरे गट के बड़े नेता सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई को अपने गुट में शामिल कर लिया है.

उद्धव सरकार को दूसरा झटका

दरअसल सोमवार यानी 13 मार्च को उद्धव गुट के बड़े नेता सुभाष देसाई (Subhash Desai) के बेटे भूषण देसाई शिंदे (Eknath Shinde) की शिवसेना (Shiv Sena) में शामिल हो गए हैं. भूषण देसाई ने अपना पाला उस समय बदला है जब उद्धव ठाकरे के सामने पहले से ही आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों की चुनौती है. ऐसे में भूषण के शिंदे गुट में जाने को अहम कदम माना जा रहा है. बता दे, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में भूषण देसाई शिंदे खेमे में शामिल हुए हैं. दरअसल विधानसभा सत्र में भूषण पर MIDC जमीन घोटाले मामले में आरोप लगे थे. इसके लिए सरकार ने जांच के आदेश दिए थे.

ठाकरे परिवार के करीबी हैं पिता

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी (एमवीए) शासन के दौरान भूषण देसाई के पिता सुभाष देसाई ने उद्योग और खनन मंत्री के रूप में कार्य किया था. सुभाष देसाई ठाकरे परिवार के करीबी और विश्वासपात्र माने जाते हैं. ऐसे में हाल ही में चुनाव आयोग के फैसले से चोट खाई हुई उद्धव ठाकरे की शिवसेना को यह बड़ा झटका लगा है. बता दें, चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और सिंबल एकनाथ शिंदे के गुट को देते हुए उसे ही असली शिवसेना करार दिया था.

शिंदे गुट को मिला असली शिवसेना

हालांकि चुनाव आयोग के फैसले का विरोध करते हुए उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था. लेकिन उन्हें शीर्ष अदालत से कोई राहत नहीं मिली थी. 22 फरवरी को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना बताया था. साथ ही शिवसेना पार्टी का नाम और सिंबल आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया था. दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने उद्धव ठाकरे के गुट को अगले आदेश तक शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और ‘जलती मशाल’ के चुनाव चिह्न को रखने की अनुमति दी थी.

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