मुंबई: शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह मिलने के बाद भी शिंदे गुट उद्धव ठाकरे के लिए मुसीबत बना हुआ है. जहां अब सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने पूर्व मुख्यमंत्री को एक और झटका दे दिया है. उन्होंने ठाकरे गट के बड़े नेता सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई को अपने गुट में शामिल […]
मुंबई: शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह मिलने के बाद भी शिंदे गुट उद्धव ठाकरे के लिए मुसीबत बना हुआ है. जहां अब सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने पूर्व मुख्यमंत्री को एक और झटका दे दिया है. उन्होंने ठाकरे गट के बड़े नेता सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई को अपने गुट में शामिल कर लिया है.
दरअसल सोमवार यानी 13 मार्च को उद्धव गुट के बड़े नेता सुभाष देसाई (Subhash Desai) के बेटे भूषण देसाई शिंदे (Eknath Shinde) की शिवसेना (Shiv Sena) में शामिल हो गए हैं. भूषण देसाई ने अपना पाला उस समय बदला है जब उद्धव ठाकरे के सामने पहले से ही आगामी बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनावों की चुनौती है. ऐसे में भूषण के शिंदे गुट में जाने को अहम कदम माना जा रहा है. बता दे, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में भूषण देसाई शिंदे खेमे में शामिल हुए हैं. दरअसल विधानसभा सत्र में भूषण पर MIDC जमीन घोटाले मामले में आरोप लगे थे. इसके लिए सरकार ने जांच के आदेश दिए थे.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी (एमवीए) शासन के दौरान भूषण देसाई के पिता सुभाष देसाई ने उद्योग और खनन मंत्री के रूप में कार्य किया था. सुभाष देसाई ठाकरे परिवार के करीबी और विश्वासपात्र माने जाते हैं. ऐसे में हाल ही में चुनाव आयोग के फैसले से चोट खाई हुई उद्धव ठाकरे की शिवसेना को यह बड़ा झटका लगा है. बता दें, चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और सिंबल एकनाथ शिंदे के गुट को देते हुए उसे ही असली शिवसेना करार दिया था.
हालांकि चुनाव आयोग के फैसले का विरोध करते हुए उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था. लेकिन उन्हें शीर्ष अदालत से कोई राहत नहीं मिली थी. 22 फरवरी को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना बताया था. साथ ही शिवसेना पार्टी का नाम और सिंबल आवंटित करने के चुनाव आयोग के आदेश पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया था. दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने उद्धव ठाकरे के गुट को अगले आदेश तक शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम और ‘जलती मशाल’ के चुनाव चिह्न को रखने की अनुमति दी थी.
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद