मुंबई. महाराष्ट्र कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए मराठा आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है. विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया कि राज्य में मराठा समाज को सामाजिक और शैक्षणिक आधार पर आरक्षण मिलेगा. मराठा समाज को आरक्षण का लाभ देने के लिए एक नई कैटेगरी बनाई गई है जिसे सोशली और एजुकेशनली बैकवर्ड क्लास (SEBC) कहा जाएगा. नई श्रेणी बनने से किसी अन्य समुदाय से आरक्षण को लेकर क्लेश नहीं होगा.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कैबिनेट मीटिंग के बाद रविवार को कहा कि पिछड़ा आयोग ने 3 सिफारिशें दी थी. मराठाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा माना गया. उन्होंने कहा कि मराठा समाज को संविधान के अनुच्छेद 15 (4) के तहत आरक्षण दिया जा सकता है. सीएम ने बताया कि कैबिनेट ने पिछड़ा आयोग की सिफारिशों को मान लिया गया है. सीएम ने कहा कि मराठा समाज को आरक्षण के लिए नई श्रेणी बनाई गई है. इससे किसी भी समुदाय को सरकारी शिक्षा या नौकरियों में कोटा के हिस्से को खोने का कोई सवाल नहीं है.
वर्तमान में महाराष्ट्र में कुल आरक्षण 52 प्रतिशत है. इसमें अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत, अनुसूचित जनजातियों के लिए 7 प्रतिशत, ओबीसी के लिए 19 प्रतिशत, विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए 2 प्रतिशत, विमुक्ता जाति के लिए 3 प्रतिशत, नोमाडिक जनजाति-बी के लिए 2.5 प्रतिशत, नोमाडिक जनजाति-सी (धनर) के लिए 3.5 प्रतिशत और नोमाडिक जनजाति-डी (वंजारी) के लिए 2 प्रतिशत. अब मराठा आरक्षण इससे अलग दिया जाएगा. मराठा समुदाय ने 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग की थी. अभी यह क्लियर नहीं हो पाया है कि मराठा समुदाय को कितना आरक्षण दिया जाएगा.
Womens Premier League 2025: वीमेंस प्रीमियर लीग 2025 के मुकाबले लखनऊ और बड़ौदा में खेले…
Indian Cricket Team: इंग्लैंड का भारत दौरा 22 जनवरी से 12 फरवरी तक चलेगा. इसके…
Cashless Treatment Scheme: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को नई…
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी दिल्ली चुनाव के दंगल में उतर…
Supreme Court: 2015 में दाखिल इस याचिका में जजों के कम वेतन और सेवानिवृत्ति के…
मिनी मुंबई इंदौर से सामने आया है. आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले इंदौर…