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Maharashtra BJP Shiv Sena Govt Formation Crisis: महाराष्ट्र में सरकार बनाने पर फंसा पेच, सीएम पद को लेकर शिवसेना-बीजेपी में कलह जारी

Maharashtra BJP Shiv Sena Govt Formation Crisis, Maharashtra Me Sarkaar Gathan ko Lekar BJP Shiv Sena 50-50 Power Sharing Formula par Adi: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 5 दिन बाद भी सरकार का गठन नहीं हो सका है. शिवसेना ने बीजेपी से 50-50 पावर शेयरिंग की मांग की है. साथ ही पार्टी आदित्य ठाकरे को ढाई साल के लिए सीएम बनाना चाहती है. हालांकि बीजेपी अभी तक शिवसेना की मांगों सें सहमत नहीं हुई है. दूसरी तरफ एनसीपी का कहना है कि उन्हें विपक्ष में बैठने का जनादेश मिला है लेकिन यदि उन्हें मौका मिलता है तो वे जरूर सरकार बनाने का प्रयास करेंगे.

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Maharashtra BJP Shiv Sena Govt Formation Crisis
  • October 31, 2019 12:25 am Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 के नतीजे आने के 5 दिन बाद भी अभी तक बीजेपी-शिवसेना की सरकार नहीं बनी है. भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना ने राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन किया था और पूर्ण बहुमत के साथ जीत भी दर्ज की. मगर चुनाव के बाद शिवसेना के तेवर बदलने से यह गठबंधन अभी तक सरकार बनाने में सफल नहीं हो पाया है. हालांकि बीजेपी नेता और सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा है कि महाराष्ट्र में युती यानी कि एनडीए गठबंधन जल्द ही सरकार बनाएगा. शिवसेना 50-50 पावर शेयरिंग फॉर्मूले पर अड़ी है, यानी कि शिवसेना की मांग है कि सरकार में आधा हक उसका और आधा बीजेपी का होगा. शिवसेना उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाना चाहती है.

288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में अभी शिवसेना और बीजेपी का पास कुल 161 सीटे हैं, जबकि बहुमत के लिए 145 सीटों की जरूरत है. सरकार बनाने के लिए गठबंधन के पास पूर्ण बहुमत है मगर सीएम पद और मंत्रियों के बंटवारे को लेकर बीजेपी-शिवसेना के बीच अभी तक बात नहीं बन पाई है.

दूसरी तरफ इस परिस्थिति का शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) फायदा उठाने में लगी है. हालांकि एनसीपी ने पहले तो कह दिया कि वे किसी भी स्थिति में शिवसेना के साथ गठबंधन नहीं करेंगी.

NCP नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी बुधवार को कहा कि हमें विपक्ष में बैठने के लिए जनादेश मिला है मगर हालात बदलते हैं तो वह विचार कर सकते हैं. इससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि बीजेपी शिवसेना की मांगों से सहमत नहीं होती है तो उद्धव ठाकरे एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने में नहीं हिचक सकते हैं.

शिवसेना नेता संजय राउत अगर भाजपा गठबंधन धर्म का पालन नहीं करती है. उनके पास अभी कई विकल्प खुले हैं और बीजेपी उस पर विचार करने के लिए शिवसेना को मजबूर न करें तो ही बेहतर होगा.

शिवसेना को मिला निर्दलीयों का साथ-
एक तरफ बीजेपी शिवसेना के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने में जुटी है. दूसरी तरफ रविवार को 4 निर्दलीय उम्मीदवारों ने शिवसेना को समर्थन दे दिया है. हाल ही में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव जीत कर पहुंचे विधायक चंद्रकांत पाटिल, मंजुला गवित, आशीष जायसवाल और नरेंद्र भोंडेकर ने शिवसेना को समर्थन देने की घोषणा की है. हालांकि उन्होंने यह नहीं कहा कि वे एनडीए गठबंधन को सपोर्ट करेंगे, उन्होंने सिर्फ शिवसेना को ही सपोर्ट करने की बात कही है.

हरियाणा में बीजेपी को बहुमत नहीं फिर भी सरकार बन गई
महाराष्ट्र में भले ही बीजेपी-शिवसेना पूर्ण बहुमत के साथ जीती हो लेकिन हरियाणा में बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ा और बहुमत न मिलने के बावजूद वहां सरकार बना ली है. विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 3 दिन बाद ही हरियाणा में बीजेपी ने दुष्यंत चौटाला की जेजेपी के साथ गठबंधन किया और मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद की शपथ ले ली. जबकि महाराष्ट्र में अभी तक सरकार गठन को लेकर संकट है.

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