महाराष्ट्र: मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में पिछले कई दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच आखिरकार राज्य की सत्ता शिंदे गुट के हाथों में आ गई। महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने और शिंदे सरकार के गठन के बाद आज से महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो रहा है। सत्र के पहले […]
मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में पिछले कई दिनों से चल रहे सियासी घमासान के बीच आखिरकार राज्य की सत्ता शिंदे गुट के हाथों में आ गई। महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने और शिंदे सरकार के गठन के बाद आज से महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो रहा है। सत्र के पहले दिन आज विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके बाद कल यानि सोमवार 4 जुलाई को शिंदे गुट और बीजेपी विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी।
बता दें कि महाराष्ट्र की सत्ता में शिंदे गुट और बीजेपी के स्थापित होने के बाद आखिरकार शिवसेना के बागी विधायकों की घर वापसी हो गई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद बागियों को लेने गोवा गए हुए थे। सीएम अपने 50 समर्थक विधायकों के साथ मुंबई आ गए हैं। इनमें से 39 विधायक शिवसेना के हैं। मुंबई आने के बाद एकनाथ शिंदे विधायकों के साथ ताज प्रेसिडेंट होटल पहुंचे हैं। उनके साथ उनके बेटे और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे भी मौजूद हैं। इसी बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बागी विधायकों से मिलने होटल पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बगावत करने के बाद बागी विधायकों की आखिरकार 12 दिनों के बाद घर वापसी हुई है। अब सभी विधायक अपने-अपने घर जा पाएंगे। गौरतलब है कि बीते 21 जून को शिंदे बगावत करके 25 से अधिक विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में चले गए थे। इस खबर ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर दी थी। इसके बाद सभी विधायक असम की राजधानी गुवाहाटी चले गए। धीरे-धीरे विधायकों की संख्या बढ़ती गई और महाविकास अघाड़ी सरकार को समर्थन देने वाले 50 से अधिक विधायक बागी हो गए और आखिरकार उद्धव सरकार गिर गई।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने गुरूवार को पुणे में मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि देवेंद्र फडणवीस नंबर दो का स्थान स्वीकार करके खुश नहीं है। शपथ ग्रहण के दौरान उनके चेहरे के भाव ने सब कुछ बयां कर दिया। वो नागपुर से हैं और उन्होंने एक स्वयंसेवक के रूप में काम किया है। वहां जब कोई आदेश आता है, तो उसका पालन करना ही पड़ता है। पवार ने कहा कि फडणवीस ने इसी संस्कार कारण एक कनिष्ठ पद स्वीकार किया है।
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