लखनऊ: डबल मर्डर कांड में 9 साल बाद महाराजगंज की अदालत ने फैसला सुनाया है. अदालत ने हत्या मामले में आरोपी दोषी को फांसी की सजा सुनाया है. 2 अप्रैल 2014 को पुरन्दरपुर थाना क्षेत्र के मानिक तालाब टोला चन्नीपुर में दिनदहाड़े भतीजी ज्ञानती और चचेरे भाई निर्मल की धारदार हथियार से हत्या कर दी […]
लखनऊ: डबल मर्डर कांड में 9 साल बाद महाराजगंज की अदालत ने फैसला सुनाया है. अदालत ने हत्या मामले में आरोपी दोषी को फांसी की सजा सुनाया है. 2 अप्रैल 2014 को पुरन्दरपुर थाना क्षेत्र के मानिक तालाब टोला चन्नीपुर में दिनदहाड़े भतीजी ज्ञानती और चचेरे भाई निर्मल की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी. इस हत्या का आरोप बैजनाथ पर लगा. वहीं बैजनाथ के पिता यमुना चौधरी से वर्षों पुराना जमीन विवाद चल रहा था. इस विवाद को सुलझने के बाजवूद वह रंजिश रखने लगा. इस रंजिश में बैजनाथ ने ताऊ निर्मल और ज्ञानती की दिनदहाड़े हत्या कर दी. वहीं ज्ञानती के पिता राजेंद्र चौधरी ने पुरन्दरपुर थाने में जाकर मुकदमा दर्ज कराया. जिसके बाद पुलिस ने अदालत में चार्जशीट दायर कर दिया।
वहीं सुनवाई के वक्त दस गवाहों ने गवाही दी. साक्ष्यों के आधार पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम पवन कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने दोषी बैजनाथ को फांसी के साथ दो लाख पच्चीस हजार जुर्माना की सजा सुनाई. अदालत ने आदेश दिया है कि दोषी को मौत होने तक फांसी पर लटकाया जाए. महाराजगंज जनपद का गठन होने के बाद यह दूसरा फांसी की सजा है. वहीं गैंगरेप के बाद अदालत ने हत्या मामले में भी फैसला सुनाया है. पांच दोषियों को आजीवन कारावास और 6वें नाबालिग अपराधी को 20 साल की सजा सुनाई है. आपको बता दें कि पुरन्दरपुर थाना क्षेत्र के जंगल में गैंगरेप करने के बाद नाबालिग किशोरी की हत्या का मामला सामने आया था।
वहीं आरोपियों के खिलाफ अदालत ने 18-18 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर 6-6 महीने की अतिरिक्त सजा बढ़ेगी. यह घटना 18 जनवरी 2021 में पुरन्दरपुर थाना क्षेत्र की है. विद्यालय से पढ़कर लौटी नाबालिग छात्रा लकड़ी चुनने के लिए जंगल जा रही थी तभी रास्ते में मिले 6 आरोपी लड़की को जंगल की ओर उठा ले गए और जंगल में गैंगरेप के बाद बच्ची की हत्या कर दी. वहीं जंगल से दूसरे दिन बच्ची का शव बरामद हुआ था।