पटना: मंगलवार को बिहार की सियासत में बड़ा फेरबदल देखने को मिला जहां पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने आज नीतीश कुमार की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. हैरानी की बात ये है कि इसी साल 27 फरवरी को मांझी ने सीएम नीतीश कुमार के पक्ष में नारे लगाए थे. फरवरी […]
पटना: मंगलवार को बिहार की सियासत में बड़ा फेरबदल देखने को मिला जहां पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने आज नीतीश कुमार की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. हैरानी की बात ये है कि इसी साल 27 फरवरी को मांझी ने सीएम नीतीश कुमार के पक्ष में नारे लगाए थे. फरवरी में विधानमंडल की बैठक के दौरान पूर्व सीएम ने कहा था कि ”कसम खाकर कहता हूं, नीतीश का साथ छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगा.” उनके इस बयान के महज 107 दिनों बाद बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कुमार के कैबिनेट से इस्तीफ़ा दे दिया है.
पटना में विपक्षी दलों की 23 जून को बैठक होने वाली है. इस बैठक से पहले विपक्ष और नीतीश कुमार को झटका लगा है. संतोष मांझी नीतीश कुमार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग संभाल रहे थे. संतोष मांझी ने कहा कि जेडीयू के नेता हमारे ऊपर दवाब बना रहे थे कि अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कर दो. हमको विलय नहीं मंजूर था इस्तीफा देना मंजूर था. मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद संतोष मांझी ने कहा कि हम अभी भी महागठबंधन का हिस्सा है और पटना में होने वाले बैठक में में हिस्सा लेंगे.
एक पक्ष ये भी कहता है कि संतोष सुमन के आरोप और महागठबंधन में बने रहने की बात उनके इस्तीफे के पीछे का असल कारण नहीं है. खबर ये भी है कि मांझी और नीतीश के बीच कुछ नाराज़गी चल रही है. 23 जुलाई को पटना में जिन विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई है उस बैठक का न्योता सीएम नीतीश अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को नहीं भेजा है. बता दें, इस बैठक में राहुल गांधी से लेकर मलिकार्जुन खरगे और अखिलेश यादव, केजरीवाल, ममता बनर्जी, स्टालिन समेत अन्य विपक्षी दलों के नेता मौजूद होंगे. इस बात को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच तल्खी है. इससे पहले मांझी नीतीश से मुलाकात भी कर चुके हैं. इस दौरान उनके बेटे संतोष भी मौजूद थे जिन्होंने नीतीश के सामने पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग रखी थी.
बिहार: नीतीश सरकार को बड़ा झटका, जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मंत्री पद से दिया इस्तीफा