लखनऊ: प्रयागराज में माफिया अशरफ के साले सद्दाम ने ही अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या के सारे इंतजाम कराए थे। हालांकि इसका पूरा प्लान अशरफ ने खुद बनाया था। सद्दाम ने हत्या से 15 दिन पहले रिश्ते के भाई अब्दुल बारी के नाम पर काले रंग की गाड़ी खरीदी थी। फिर उस कार का इस्तेमाल […]
लखनऊ: प्रयागराज में माफिया अशरफ के साले सद्दाम ने ही अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या के सारे इंतजाम कराए थे। हालांकि इसका पूरा प्लान अशरफ ने खुद बनाया था। सद्दाम ने हत्या से 15 दिन पहले रिश्ते के भाई अब्दुल बारी के नाम पर काले रंग की गाड़ी खरीदी थी। फिर उस कार का इस्तेमाल उमेश की हत्या में शामिल रहे गिरोह के बदमाशों को एक शहर से दूसरे शहर में जाने कि लिए किया गया। सद्दाम खुद भी अब इसी कार से भागता फिर रहा था।
यूपी एसटीएफ ने सद्दाम के पास से दो मोबाइल फोन और एक कार जब्त किया है। इसी कार का इस्तेमाल उमेश पाल की हत्या के वक्त किया गया। बता दें कि इसका भी रजिस्ट्रेशन नंबर 0016 है। यह गिरोह इसी नंबर की गाड़ियां लेता है, बता दं कि इस कार को लोगों की नजरों से बचाकर रखा गया था। खबरों के मुताबिक, हत्याकांड के बाद इसी नई कार से असद, जैनब, शाइस्ता और शूटरों को भागने में मदद की गई। असद के एनकाउंटर और अतीक-अशरफ की हत्या के बाद से सद्दाम इस कार का खुद ही इस्तेमाल कर रहा था। बता दें कि जिस अब्दुल बारी के नाम पर यह कार है, वह अधिकतर सद्दाम के साथ ही रहता था।
शूटरों को उमेश पाल की हत्या के बाद कहां छिपाना है, इसकी तैयारी भी पहले से ही की गई थी। उमेश पाल की हत्या से 21 दिन पहले सद्दाम दो फरवरी को अपनी सफेद गाड़ी से झांसी गया था। तेज रफ्तार में कार चलाने के कारण झांसी में उसका चालान भी हुआ था। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो सद्दाम ने हत्याकांड से पहले झांसी जाकर असद और उसके साथी मोहम्मद गुलाम को छिपाने का इंतजाम किया था। बता दें कि यूपी एसटीएफ ने अप्रैल में असद और मोहम्मद गुलाम का झांसी जिले के पारीछा डैम ब्रिज के पास एनकाउंटर कर दिया था।