भोपाल: मध्य प्रदेश के राजगढ़ में गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक सरपंच ने आरोप लगाया है कि अनुसूचित जाति होने के कारण उन्हें अपने गांव में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति नहीं दी गई. इस घटना के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि दलित होने की वजह से सरपंच को भेदभाव का सामना करना पड़ा. इस मामले में उन्होंने कार्रवाई करने की मांग की. जिसके बाद अधिकारियों ने इस मामले की गहन से जांच शुरू कर दी है. यह घटना राजगढ़ जिले के बियोरा तहसील के तरेना गांव की बताई जा रही है।
सरपंच मान सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि उनकी जगह लाखन सिंह नाम के एक रोजगार सहायक ने 26 जनवरी को गांव में राष्ट्रीय ध्वज फहराया. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि मैं एक वर्मा हूं. वहीं इस संबंध में बियोरा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ईश्वर वर्मा ने बताया कि सरपंच मान सिंह वर्मा ने शिकायत की है कि गणतंत्र दिवस पर उन्हें तिरंगा फहराने नहीं दिया गया. वहीं दिग्विजय सिंह ने भी इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की, उन्होंने सवाल भी किया कि क्या अनुसूचित जाति से होना अपराध है।
दिग्विजय सिंह ने कहा कि क्या सरपंच को झंडा फहराने का अधिकार नहीं है? मैं सीएम से अनुरोध करता हूं कि ऐसे दोषी रोजगार सहायक लाखन सिंह को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए. साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।