मध्य प्रदेश: जबलपुर में लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हवलदार को रंगे हाथ दबोचा, निलंबित

भोपाल: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक पुलिस के हेड कांस्टेबल को चालीस हजार रुपये की रिश्वत लेते अरेस्ट किया गया है. लोकायुक्त संगठन के माध्यम से 1 फरवरी को 40 हजार की रिश्वत लेते हुए गोराबाजार थाने में पदस्थ हवलदार उर्मिलेश ओझा को दबोचा गया. वहीं बाद में हवलदार के खिलाफ केस दर्ज […]

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मध्य प्रदेश: जबलपुर में लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हवलदार को रंगे हाथ दबोचा, निलंबित

Deonandan Mandal

  • February 2, 2024 2:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 10 months ago

भोपाल: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में एक पुलिस के हेड कांस्टेबल को चालीस हजार रुपये की रिश्वत लेते अरेस्ट किया गया है. लोकायुक्त संगठन के माध्यम से 1 फरवरी को 40 हजार की रिश्वत लेते हुए गोराबाजार थाने में पदस्थ हवलदार उर्मिलेश ओझा को दबोचा गया. वहीं बाद में हवलदार के खिलाफ केस दर्ज कर मुचलके पर उसे रिहा कर दिया गया है. इस मामले में रिश्वत लेते पकड़े गए हवलदार को एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

लोकायुक्त एसपी संजय साहू अनुसार रिज रोड के रहने वाले संदीप यादव ने लोकायुक्त संगठन को शिकायत देकर बताया था कि साल 2019 में राजेन्द्र जायसवाल से उसने जमीन का सौदा किया था. उस दौरान उक्त व्यक्ति के जरिए संदीप को कुछ रकम एडवांस के तौर पर दी गई थी, लेकिन यह सौदा बाद में रद्द हो गया था. यह सौदा रद्द होने के बाद संदीप यादव ने राजेन्द्र जायसवाल को एडवांस के तौर पर ली गई रकम नहीं लौटाई. रकम वापस नहीं मिलने पर राजेन्द्र ने संदीप यादव के खिलाफ गोराबाजार थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

हवलदार रिश्वत के लिए दे रहा था धमकी

वहीं इस मामले की जांच हवलदार उर्मिलेश ओझा को सौंपी गई थी, जहां आरोपी हवलदार के माध्यम से इस मामले को रफा-दफा करने के लिए 1 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की जा रही थी. वहीं शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में बताया था कि आरोपी हवलदार के माध्यम से संदीप को लगातार धमकाया जा रहा था. इस दौरान हवलदार उर्मिलेश झा ने संदीप यादव को जांच के नाम पर परेशान कर रहा था. धमकी उसे दी जा रही थी कि ली हुई रकम लौटाने के साथ ही 1 लाख रुपये उसे चाहिए. वहीं हवलदार ने कहा कि रकम नहीं मिलने पर उसके खिलाफ केस दर्ज कर देगा।

रंगे हाथों दबोचा

परेशान होकर हवलदार के माध्यम से रिश्वत मांगे जाने की शिकायत संदीप यादव ने लोकायुक्त संगठन से कर दी, जिसके बाद लोकायुक्त टीम ने संदीप को हवलदार से बातचीत करने को कहा और यह सौदा चालीस हजार में तय हुआ. उसके बाद एक फरवरी की शाम संदीप रिश्वत की रकम लेकर थाने पहुंचा और रकम देने के लिए हवलदार को बाहर बुलाया. जैसे ही थाने के बाहर आने पर संदीप ने हवलदार को रिश्वत दी तो उसे लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों दबोच लिया।

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