भोपाल। मध्य प्रदेश के चुनाव में भी भारत के अन्य राज्यों की तरह जाति फैक्टर अहम है। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल जाति को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनाते हैं। यहां आगामी विधानसभा चुनाव में भी इसका महत्व साफ नजर आ रहा है। बता दें कि सभी पार्टियां अलग-अलग जाति वाले […]
भोपाल। मध्य प्रदेश के चुनाव में भी भारत के अन्य राज्यों की तरह जाति फैक्टर अहम है। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल जाति को ध्यान में रखते हुए अपनी रणनीति बनाते हैं। यहां आगामी विधानसभा चुनाव में भी इसका महत्व साफ नजर आ रहा है। बता दें कि सभी पार्टियां अलग-अलग जाति वाले वोटरों को साधने में लगी हैं।
आइए आपको बताते हैं कि आखिर मध्य प्रदेश में किस जाति के कितने प्रतिशत वोटर हैं….
मध्य प्रदेश में जनरल कैटेगरी के मतदाताओं की संख्या लगभग 15 प्रतिशत है। राज्य में ओबीसी मतदाताओं की संख्या लगभग 38 प्रतिशत है। आंकड़ों के हिसाब से यह सबसे ज्यादा है। यही कारण है कि सभी राजनीतिक पार्टियां इस वोट बैंक पर ज्यादा फोकस कर रही हैं। इसी वजह से राहुल गांधी ने भी सत्ता में आने के बाद ओबीसी के लिए सर्वे कराने की बात भी कही है। बता दें कि इसके अलावा एससी मतदाताओं की संख्या 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के मतदाताओं की संख्या 21 प्रतिशत है।
बात करें मुस्लिम वोटरों की तो मध्य प्रदेश के 4.94 करोड़ वोटर्स में लगभग 7 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं, जो की पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ और भोपाल रीजन की 40 सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इन क्षेत्रों में राजनीतिक दल इस फैक्टर को ध्यान में रखते हैं और मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करते हैं।
मुस्लिम से अलग अन्य धर्मों के मतदाताओं पर नजर डालें तो बुद्ध, क्रिश्चन, सिख और अन्य धर्म के भी वोटर मध्य प्रदेश में हैं। बता दें कि इन सबका वोट लगभग तीन प्रतिशत है। राज्य की कई सीटों पर ये नतीजों को प्रभावित करते हैं।