नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है. जिसके तहत उनमें मौजूद मूलभूत सुविधाओं की स्थिति की जांच की जाएगी. इसी बीच राज्य सरकार के सर्वे के ऐलान पर जमीयत-उलेमा-ए- हिंद (Jamiat Ulema e hind)ने आज दिल्ली में एक बुलाई गई […]
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है. जिसके तहत उनमें मौजूद मूलभूत सुविधाओं की स्थिति की जांच की जाएगी. इसी बीच राज्य सरकार के सर्वे के ऐलान पर जमीयत-उलेमा-ए- हिंद (Jamiat Ulema e hind)ने आज दिल्ली में एक बुलाई गई बैठक खत्म हो गई है। जिसके बाद मौलाना महमूद मदनी ने बड़ा बयान दिया है।
बता दें कि आज यानी मंगलवार को योगी सरकार द्वारा गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने के फैसले पर जमीयत उलमा-ए-हिंद ने बैठक बुलाई। इस बैठक के बाद मौलाना महमूद मदनी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, मदरसो का काम देश को एकजुट करना है।
वहीं, जमीयत-उलेमा-ए- हिंद के अध्यक्ष मदनी ने कहा कि हम लोग सरकार से गैर सरकारी मदरसो के सर्वेषण को लेकर बातचीत करने को तैयार है।
गौरतलब है कि इस सर्वेक्षण में मदरसे का नाम,उसका संचालन करने वाली संस्था का नाम, मदरसा निजी या किराए के भवन में चल रहा है इसकी जानकारी, मदरसे में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की संख्या,फर्नीचर, पेयजल, शौचालय की व्यवस्था, बिजली आपूर्ति, शिक्षकों की संख्या, पाठ्यक्रम, आय के स्रोत, गैर सरकारी संस्था से मदरसे की संबद्धता से संबंधित सूचनाएं ली जाएंगी. इसके अलावा सर्वे में मदरसे के टीचरों की स्थिति, उनको मिलने वाले वेतन-भत्तों की सूचना भी सर्वेक्षण में जुटाई जाएगी.
वहीं, योगी सरकार के इस फैसले का कई संगठन और राजनीतिक दल विरोध कर रहे हैं. विरोध कर रहे दलों ने कहा कि सरकार मुसलमानों को शक की नजर से देख रही हैं. इसका विरोध कर रहे लोग इसे छोटा एनआरसी बता रहे हैं. वहीं सरकार का कहना है कि प्रदेश में 16 हजार 513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं. उसका कहना है कि इनके अलावा भी कई मदरसे खुल गए हैं. इन मदरसों को बोर्ड ने मान्यता नहीं दी है.