लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में मछुआरों के जाल में एक भारी भरकम मछली फंस गई। जाल में फंसी मछली को बाहर निकालने के लिए लगभग दर्जन भर मछुआरों को लगना पड़ा। बाहर निकालने के बाद मछुआरे मछली को देखकर दंग रह गए थे। इस जाल में कोई आम मछली नहीं बल्कि एक डॉल्फिन […]
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में मछुआरों के जाल में एक भारी भरकम मछली फंस गई। जाल में फंसी मछली को बाहर निकालने के लिए लगभग दर्जन भर मछुआरों को लगना पड़ा। बाहर निकालने के बाद मछुआरे मछली को देखकर दंग रह गए थे। इस जाल में कोई आम मछली नहीं बल्कि एक डॉल्फिन फंसी थी। वहां पर मौजूद कुछ ग्रामीणों ने उसको पहचान लिया था, लेकिन मछुआरे उसको छोड़ने के लिए तैयार नहीं हो रहे थे। इसको लेकर ग्रामीणों और मछुआरों के बीच बहस होने लगी।
गौरतलब है कि यूपी के प्रतापगढ़ के लीलापुर थाना इलाके के पास शारदा नहर की एक सहायक शाखा सगरा रजवाहा में मछली पकड़ने के लिए जाल लगाया गया था। इस बार मछुआरों की जाल में एक भारी भरकम मछली फंस गई थी। ये कोई आम मछली नहीं बल्कि एक डॉल्फिन फंसी थी। जाल में डॉल्फिन के फंसे होने की सूचना पर वन विभाग और पुलिस की टीम सक्रिय हो गई। पुलिस ने बड़ी मशक्कत से डॉल्फिन को नहर में छुड़वा दिया।
वन क्षेत्राधिकारी लालगंज के अनुसार डॉल्फिन को रेस्क्यू करने के लिए जन्तु प्रतिपालक लखनऊ से बात की गई। फिर डॉल्फिन को गंगा नदी में छोड़ दिया गया। बता दें कि लगभग एक साल पहले भी नवाबगंज थाना इलाके से गुजर रही शारदा सहायक नदी में भी मछुआरों के जाल में डॉल्फिन फंस गई थी। उस समय मछुआरों ने उसको पीट-पीटकर मार डाला था। जिसके बाद जिम्मेदार मछुआरों के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था। डॉल्फिन एक सरंक्षित प्राणी है। इसको साल 2009 में भारत का राष्ट्रीय जलीव जीव घोषित किया गया था। भारत में इसका शिकार करना और मारना अवैध है।