Lok Sabha Elections: शिमला लोकसभा सीट पर 15 साल से भाजपा का कब्जा, जानें-क्या हैं सियासी समीकरण?

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश बढ़ गई है. वहीं शिमला का इलाका शिमला संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. देश-विदेश में शिमला की अपनी एक अलग पहचान है, इस स्थिति में शिमला लोकसभा सीट पर सभी की नजरें टिकी हुई है। कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था […]

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Lok Sabha Elections: शिमला लोकसभा सीट पर 15 साल से भाजपा का कब्जा, जानें-क्या हैं सियासी समीकरण?

Deonandan Mandal

  • March 16, 2024 3:46 pm Asia/KolkataIST, Updated 8 months ago

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश बढ़ गई है. वहीं शिमला का इलाका शिमला संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है. देश-विदेश में शिमला की अपनी एक अलग पहचान है, इस स्थिति में शिमला लोकसभा सीट पर सभी की नजरें टिकी हुई है।

कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था शिमला संसदीय क्षेत्र

कभी शिमला संसदीय क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन पिछले 15 साल से यहां भाजपा ही जीतती आ रही है. साल 2004 में यहां से कांग्रेस के धनी राम शांडिल आखरी बार चुनाव जीते थे. साल 2009 में भाजपा के उम्मीदवार वीरेंद्र कश्यप की जीत हुई तब से यह सीट भाजपा के कब्जे में है।

2019 में रिकॉर्ड मतों से जीती भाजपा

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार सुरेश कश्यप ने अपने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार धनीराम शांडिल को करीब 3 लाख 27 हजार वोट से हराया था. सुरेश कश्यप बीजेपी की तरफ से एक बार फिर चुनावी मैदान में हैं, हालांकि शिमला लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. भाजपा ने अपना उम्मीदवार पहले घोषित कर मनोवैज्ञानिक जीत तो हासिल कर ली है, लेकिन चुनौती अभी बरकरार है।

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