लखनऊ: उत्तर प्रदेश की हाथरस लोकसभा सीट पर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सांसद मुनकाद अली के द्वारा उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है. बसपा प्रमुख मायावती के आदेश का हवाला देकर हाथरस लोकसभा सीट पर धनगर समाज एवं दलित वोट बैंक पर सेंध लगाने के लिए हेम बाबू सिंह धनगर को मौका दिया […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की हाथरस लोकसभा सीट पर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सांसद मुनकाद अली के द्वारा उम्मीदवार घोषित कर दिया गया है. बसपा प्रमुख मायावती के आदेश का हवाला देकर हाथरस लोकसभा सीट पर धनगर समाज एवं दलित वोट बैंक पर सेंध लगाने के लिए हेम बाबू सिंह धनगर को मौका दिया गया है, जिससे हाथरस लोकसभा सीट के चुनावी समीकरण अब दिलचस्प नजर आएंगे।
आपको बता दें कि हाथरस के सादाबाद में पहले हेम बाबू सिंह धनगर रहते थे, लेकिन वह लंबे समय से आगरा में रह रहे हैं. वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और उनके पिता बसपा में कर्मठ कार्यकर्ता के रूप में पहचाने जाते हैं. हेम बाबू सिंह धनगर के पिता जेपी धनगर लंबे समय से बहुजन समाज पार्टी से जुड़े हुए हैं, साथ ही वह धनगर महासभा के अध्यक्ष भी हैं. एमसीए करने के बाद वो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग बन गए, लेकिन पिता की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए वो राजनीति के दांव पेंच सीखने की कोशिश कर रहे हैं. यही वजह है कि वह सांसदी का खिताब जीतने के लिए बसपा के साथ मिलकर अपनी दावेदारी पेश की है।
हाथरस में आयोजित हुए बसपा कार्यकर्ता सम्मेलन में अलीगढ़ जिला अध्यक्षता मुकेश चंद्र, मंडल और जोनल कोऑर्डिनेटर सूरज सिंह, अशोक सिंह, विजेंद्र सिंह, दिनेश बघेल, महेश कुशवाहा, दिनेश, सुरेश गौतम समेत सिंह जाटव ने सयुक्त रूप से मुनकाद अली के साथ मिलकर उम्मीदवार की घोषणा की. जिसके बाद हेम बाबू सिंह धनगर को फूलों की माला पहनाकर हाथरस लोकसभा सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाया है।
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