मकान मालिक हो जाए सावधान, मोदी सरकार ने किराएदारों के लिए किया तगड़ा इंतजाम

नई दिल्ली : अगर आप किराए के मकान में रहते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। मोदी सरकार ने किराएदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए नए नियम लागू किए हैं, जिसके चलते अब मकान मालिक अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। किराएदारों को 5 बड़े अधिकार दिए गए हैं, जो उन्हें मकान मालिक […]

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मकान मालिक हो जाए सावधान, मोदी सरकार ने किराएदारों के लिए किया तगड़ा इंतजाम

Manisha Shukla

  • October 9, 2024 8:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

नई दिल्ली : अगर आप किराए के मकान में रहते हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। मोदी सरकार ने किराएदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए नए नियम लागू किए हैं, जिसके चलते अब मकान मालिक अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। किराएदारों को 5 बड़े अधिकार दिए गए हैं, जो उन्हें मकान मालिक की अनुचित मांगों और परेशानियों से बचाएंगे। आइए इन अधिकारों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

किराएदारों के लिए ये 5 अधिकार

निजता का अधिकार: अब मकान मालिक आपकी अनुमति के बिना आपके कमरे में प्रवेश नहीं कर सकता। इससे आपकी निजता सुरक्षित रहती है और आपको बिना किसी कारण के परेशान नहीं किया जाता।

नोटिस अवधि: मकान मालिक आपको अचानक घर से नहीं निकाल सकता। अगर उसे घर खाली करना है तो उसे कम से कम 15 दिन पहले आपको नोटिस देना होगा ताकि आप अपनी व्यवस्था कर सकें।

किराए पर नियंत्रण: मकान मालिक अपनी मर्जी से किराया नहीं बढ़ा सकता। अगर वह किराया बढ़ाना चाहता है तो उसे 3 महीने पहले नोटिस देना होगा और यह किराएदार की सहमति पर निर्भर करेगा कि वह इसे स्वीकार करता है या नहीं।

बुनियादी सुविधाएं: मकान मालिक के लिए अपने किराएदार को बिजली, पानी और पार्किंग जैसी सुविधाएं देना अनिवार्य है। यह किराएदार का अधिकार है और इन सुविधाओं से इनकार करना कानूनी तौर पर गलत है।

रखरखाव और सुरक्षा राशि: घर का रखरखाव पूरी तरह से मकान मालिक की जिम्मेदारी है। अगर घर में कोई नुकसान होता है तो मकान मालिक को उसे तुरंत ठीक कराना होता है। इसके साथ ही किरायेदार द्वारा जमा की गई सिक्योरिटी राशि भी मकान छोड़ने के बाद समय पर लौटानी होगी।

केंद्रीय किराया नियंत्रण अधिनियम 1948

ये नियम केंद्रीय किराया नियंत्रण अधिनियम 1948 के तहत किराएदारों की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। इससे मकान मालिक और किराएदार दोनों के अधिकारों का सही तरीके से पालन सुनिश्चित होता है। साथ ही, यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि रेंट एग्रीमेंट लिखित में हो, ताकि भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में इसे कानूनी तौर पर प्रमाणित किया जा सके। इन नए नियमों से किराएदारों को अब मकान मालिक की किसी भी तरह की मनमानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इन अधिकारों से किराएदारों को सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जीने का मौका मिलेगा, जिससे उन्हें बेवजह की परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।

 

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