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महावीर मंदिर तोड़ने निकले लालू की आचार्य कुणाल ने निकाल दी थी हेकड़ी, IPS की उंगलियों पर नाचा पूरा यादव परिवार

आचार्य कुणाल 1983 में पटना के एसएसपी रहे। उसी समय पटना महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू हुआ था।

Acharya Kunal
inkhbar News
  • December 30, 2024 11:05 am Asia/KolkataIST, Updated 4 months ago

पटना। बिहार के चर्चित आईपीएस अधिकारी और धार्मिक न्यास बोर्ड के संस्थापक आचार्य किशोर कुणाल का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा। आचार्य कुणाल के पार्थिव शरीर को महावीर मंदिर परिसर में लाया गया है। उनके निधन के बाद उनसे जुड़े हुए किस्सों को याद किया जा रहा है। आचार्य कुणाल 1983 में पटना के एसएसपी रहे। उसी समय पटना महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार शुरू हुआ था। एक ऐसा भी समय आया था जब लालू यादव महावीर मंदिर के एक हिस्से को तोड़ना चाहते थे। आचार्य कुणाल उस समय में लालू यादव से भिड़ गए थे।

लालू को हर जगह मिली हार

लालू यादव अपने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ महावीर मंदिर के एक हिस्से को तोड़ने पहुंचे लेकिन किशोर कुणाल ने लालू यादव को बेरंग वापस लौटने के लिए मजबूर कर दिया था। किशोर कुणाल की जीवनी ‘दमन तक्षकों का’ में इस घटना का जिक्र किया गया है। जिसमें लालू यादव और किशोर कुणाल के बीच के रिश्तों में आई कड़वाहट के बारे में बताया गया है। लालू जब बिहार के सीएम बने तो उन्होंने महावीर मंदिर में रमई राम को महंत बनाना चाहा लेकिन आचार्य कुणाल के अयोध्या के संत सूर्यवंशी दास को महावीर मंदिर का दलित पुजारी बना दिया। लालू यादव के लिए यह बहुत बड़ा झटका था।

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चारा घोटला का फूटा बम

1996 में लालू ने टिप्पणी की थी कि कुणाल मंदिर में वर्दी पहनकर घंटा बजाता है। ऐसे अफसरों को तो कान पकड़कर निकाल देना चाहिए और इन्हें जेल में भेजना चाहिए। लालू की इस टिप्पणी से कुणाल भड़क गए और 12 घंटे में माफ़ी मांगने को कहा वरना क़ानूनी कार्रवाई की धमकी दी। सत्ता के नशे में चूर होकर लालू यादव महावीर मन्दिर के दक्षिणी और पूर्वी भाग को तोड़ना चाहते थे। वो अपनी आधी कैबिनेट और अफसरों की फ़ौज लेकर महावीर मंदिर पहुंचें लेकिन कुणाल चट्टान बनकर खड़े हो गए। इस विरोध में वो अपनी गिरफ्तारी तक देने को तैयार हो गए। इस घटना के 72 घंटे भी नहीं बीते की चारा घोटाले की फाइल खुल गई। कहा जाता है कि लालू परिवार का दुर्दिन उसी समय से शुरू हो गया था।

 

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