September 20, 2024
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लालू-नीतीश की उल्टी गिनती शुरू, आखिर किसके दम पर चुनावी अखाड़े में उतर रहे प्रशांत किशोर?

  • WRITTEN BY: Pooja Thakur
  • LAST UPDATED : September 5, 2024, 8:18 am IST

पटना। पीके यानी प्रशांत किशोर का नाम पहली बार तब सुर्ख़ियों में आया जब 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी केंद्र में सत्ता में आई। चुनाव के बाद सामने आया कि मोदी के चुनावी कैंपेन की डिजाइन प्रशांत किशोर ने की थी। इससे पहले उन्होंने 2012 में गुजरात विधानसभा में भी बीजेपी के लिए काम किया था। 2014 के बाद पीक और बीजेपी अलग-अलग हो गए। प्रशांत किशोर ने अलग-अलग दलों के लिये काम किया और अब खुद की पार्टी लॉन्च करने वाले हैं।

लालू-नीतीश की राजनीति खत्म करने का हुंकार

प्रशांत किशोर ने ऐलान किया कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर वो 1 करोड़ आदमियों के साथ अपनी नई पार्टी लॉन्च करेंगे। पीके का कहना है कि वो जनसुराज पदयात्रा के जरिए बिहार के 235 ब्लॉकों के 1319 पंचायतों के 2697 गांवों को कवर कर चुके हैं। राज्य की जनता बदलाव चाहती है। लोगों को जनसुराज में एक विकल्प दिख रहा है, जो बेहतर बिहार का निर्माण कर सके। प्रशांत किशोर ने कहा कि 2025 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में सभी 243 सीट पर चुनाव लड़ेंगे। अगले महीने होने वाले उपचुनाव में भी वो अपनी पार्टी का कैंडिडेट उतारेंगे। प्रशांत किशोर आखिर किसके दम पर बिहार में अपना वोट बैंक देख रहे।

ये दिलाएंगे प्रशांत को वोट

प्रशांत किशोर की पार्टी में पांच बार के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रह चुके राजद नेता देवेंद्र प्रसाद यादव, पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की पोती डॉक्टर जागृति, जदयू के पूर्व सांसद मुनाजिर हसन, राजद के पूर्व एमएलसी रामबली सिंह चंद्रवंशी जैसे नेता शामिल हो चुके हैं। इसके अलावा कुछ पूर्व नौकरशाहों ने भी पार्टी पर भरोसा जताया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही भोजपुरी सिंगर और एक्टर पवन सिंह पार्टी में शामिल होंगे। पीके इन लोगों के सहारे NDA और महागठबंधन के वोट बैंक में सेंध लगाना चाहते हैं।

इन लोगों पर प्रशांत की नजर

पीके बार-बार अपने भाषणों में दलितों, महादलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों, युवाओं, बुजुर्गों, मुस्लिम, महिलाओं की हिस्सेदारी की बात कर रहे हैं। उनके इन बयानों से लगता है कि वो सभी में अपना वोट देख रहे हैं और इन्हें भरोसे में लेना चाहते हैं। इसी कड़ी में उन्होंने ऐलान किया कि उनकी पार्टी मुसलामानों को 40 सीटों पर उतारेगी जबकि 40 सीटें महिलाओं को दी जाएगी। इसका मतलब साफ़ है कि पीके की नजर मुस्लिम वोट बैंक पर है। वो इसे साधकर जदयू और महागठबंधन को झटका देना चाहते हैं क्योंकि अब तक मुस्लिमों ने इन्हीं के ऊपर भरोसा जताया है। बिहार की महिलाओं के बीच नीतीश कुमार लोकप्रिय हैं, ऐसे में प्रशांत किशोर ने 40 सीटों पर महिला उम्मीदवार उतारने की बात कही।

 

 

 

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