लखनऊ: ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को गर्व महसूस कराया। टीम में शामिल ललित उपाध्याय भारत लौटने के बाद सीधा काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। ललित उपाध्याय ने ब्रॉन्ज मेडल बाबा विश्वनाथ को समर्पित किया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार […]
लखनऊ: ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत को गर्व महसूस कराया। टीम में शामिल ललित उपाध्याय भारत लौटने के बाद सीधा काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। ललित उपाध्याय ने ब्रॉन्ज मेडल बाबा विश्वनाथ को समर्पित किया। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार स्कूली बच्चों ने हाथों में तिरंगा लेकर से उनका स्वागत किया।
ललित उपाध्याय ने कहा कि भारतीय हॉकी टीम ने एक के बाद एक ओलंपिक में पदक जीते हैं। हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हम भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं। उत्तर प्रदेश, बनारस से मुझे जो प्यार मिल रहा है, उसके लिए मैं सभी का आभारी रहूंगा। हमारे सभी साथियों ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया, हमें कोच से लेकर टीम के सभी स्टाफ का पूरा सहयोग मिला। सभी ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया लेकिन हमारे लिए सबसे यादगार पल पदक जीतने के अलावा ब्रिटेन को हराकर सेमीफाइनल में पहुंचना रहा। इसके अलावा उन्होंने सरकार का भी आभार जताया।
ललित ने यह भी कहा कि बनारस को हॉकी की नर्सरी कहा जाता है और यहां कई दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं। हमने विवेक सिंह और मोहम्मद शाहिद को देखकर हॉकी खेलना सीखा है। वे हमारे आदर्श हैं और हमेशा रहेंगे। वे दिग्गज खिलाड़ी हमेशा हमारे लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे। उन्होंने बनारस के बारे में कहा कि बनारस एक अद्भुत शहर है। मैंने पूरे टूर्नामेंट के दौरान बनारस को बहुत मिस किया और सबसे खास बात यह है कि मुझे बनारस का बेफिक्र अंदाज पसंद है कि जो भी होगा देखा जाएगा।
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