उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश की लखीमपुर हिंसा ( Lakhimpur Kheri Violence ) को लेकर SIT ने बड़ा खुलासा किया है और कोर्ट में विवेचना अधिकारी द्वारा लगाई गई अर्जी में कहा गया है कि इस घटना को साजिश के तहत अंजाम दिया गया जिसमें 5 किसानों की और कुल 8 लोगों की मौत हो गई […]
उत्तर प्रदेश, उत्तर प्रदेश की लखीमपुर हिंसा ( Lakhimpur Kheri Violence ) को लेकर SIT ने बड़ा खुलासा किया है और कोर्ट में विवेचना अधिकारी द्वारा लगाई गई अर्जी में कहा गया है कि इस घटना को साजिश के तहत अंजाम दिया गया जिसमें 5 किसानों की और कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी. SIT ने लखीमपुर की हिंसा को सोची-समझी साजिश का नतीजा बताने के बाद 13 आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ाने के लिए अर्ज़ी दी है जिसके लिए कोर्ट ने इजाजत दे दी है. यानी अब इन आरोपियों पर धारा 307, 34 समेत तमाम गंभीर आरोपों के तहत मामला चलेगा और दोषी पाये जाने पर आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है.
बीते दिनों उत्तर प्रदेश की लखीमपुर घटना सुर्ख़ियों में थी. अब एक बार फिर इस घटना की परतें खुलनी शुरू हो गई हैं. खबर है कि लखीमपुर में हुई हिंसा ( Lakhimpur Kheri Violence ) को SIT द्वारा सोची-समझी साजिश बताया गया है. SIT जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने आरोपियों के खिलाफ धाराएं बढ़ाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है. बहरहाल, कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा उर्फ मोनू समेत 13 आरोपियों को कोर्ट में तलब किया है. इसके बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि कोर्ट SIT को इस मामले में धाराएं बढ़ाने की अनुमति दे सकता है इसके बाद मंत्री के बेटे सहित बाकी आरोपियों पर हत्या और आपराधिक साजिश का केस चलेगा. कोर्ट ने विवेचना अधिकारी की बात को मानते हुए आदेश जारी कर दिया है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को जैसे ही मामले में बेटे पर पर धाराएं बढ़ाए जाने की खबर मिली तो वे आज ही जेल पहुंच गए. उन्होंने बेटे को सांत्वना दी व ढांढस बाँधाया. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बिल्कुल बात नहीं की और साफ़ तौर पर मीडिया से बचते हुए नज़र आए.